Jhunjhunu: अच्छी सैलरी, फिर भी नहीं छोड़ा शिक्षक बनने का सपना, अब लाखों बच्चों का कर रही हैं भविष्य रोशन
Jhunjhunu News: कहावत है ना खुद ही को कर बुलंद इतना की खुद खुदा बंदे से पूछे बता तेरी रजा क्या है. यह लाइन झुंझुनूं की अंजू पर बिल्कुल सटीक बैठती है. उसने बचपन में एक सपना देखा जिसे उसे हर हाल में पाया. इसमें खुद भगवान ने भी उसकी मदद की.
Jhunjhunu News: खुद के लिए लक्ष्य निर्धारित करना और उसे हासिल करने का जज्बा एक दिन जीवन में जरूर कामयाब बना देता है. ऐसा ही कर दिखाया है हांसलसर गांव की बहु अंजू झाझड़िया ने. पारिवारिक परिस्थितियों के चलते अंजू ने जीएनएम(GNM) कोर्स किया. पहले ही प्रयास में जीएनएम (GNM) के लिए उनका चयन भी हो गया.
राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान से होगी सम्मानित
अंजू , पारिवारिक जिम्मेदारियां के कारण नर्सिंग फील्ड में रही पर ने शिक्षक बनने का सपना नहीं छोड़ा और अपने अथक प्रयास के बल पर रसायन विज्ञान की व्याख्याता बनीं. शिक्षक दिवस पर शैक्षणिक नवाचारों को लेकर अंजू राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित होगी. झुंझुनूं शहर के कर्नल जेपी जानू राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में रसायन विज्ञान की व्याख्याता के पद पर अंजू झाझड़िया अपनी सेवाए दे रही है. इस वर्ष राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान से अंजू को सम्मानित किया जा रहा है.अंजू झाझड़िया हमेशा से स्कूल व्याख्याता बनने का सपना देखती थी. पारिवारिक परिस्थितियों के चलते अंजू झाझड़िया ने जीएनएम कोर्स किया. पहले ही प्रयास में जीएनएम के लिए उनका चयन हो गया. पारिवारिक जिम्मेदारियां के कारण व नर्सिंग फील्ड में रही पर अंजू झाझड़िया ने शिक्षक बनने का सपना नहीं छोड़ा और वह लगातार शिक्षक बनने को लेकर तैयारी करती रही.
थर्ड ग्रेड शिक्षक पद पर चयन
अंजू का थर्ड ग्रेड शिक्षक पद पर चयन हुआ, लेकिन डिग्री नहीं आने पर वह ज्वाइन नहीं कर पाई. इसके बाद दूसरे प्रयास में थर्ड ग्रेड के साथ सेकंड ग्रेड शिक्षक और उसके बाद फर्स्ट ग्रेड शिक्षक पद पर चयन हो गया. अंजू अभी रसायन विज्ञान के व्याख्याता के तौर पर कर्नल जेपी जानू राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत है.
रसायन विज्ञान में स्कूल का रिजल्ट शत प्रतिशत
अंजू झाझड़िया बताती है कि रसायन विज्ञान को बच्चे डिफिकल्ट सब्जेक्ट मानते है मगरबच्चों में रुचि पैदा की जाए तो कठिन सब्जेक्ट भी आसान लगने लगता है और इसी को लेकर उन्होंने स्कूल में नवाचार किया. इसी नवाचार का नतीजा यह रहा की बीते 7 साल में उनका परिणाम शत प्रतिशत रहा है.
अंजू झाझड़िया की पहली पोस्टिंग जोधपुर जिले के शिकारपुर में हुई तो वहां के प्रिंसिपल को राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया था. उसी के बाद उन्हें प्रेरणा मिली कि विद्यालय में समर्पित होकर नए नवाचारों का प्रयोग कर विद्यालय का सर्वांगीण विकास करते हुए नए आयाम स्थापित करने हैं.
शैक्षणिक नवाचारों को लेकर मिली थी प्रेरणा
अंजू ने बताया कि जब वह जोधपुर जिले के शिकारपुर में थी तो उन्हें स्कूल में नए शैक्षणिक नवाचारों को लेकर प्रेरणा मिली. उसके बाद उन्होंने स्कूल में स्कूल के प्रति समर्पित होकर नामांकन बढ़ोतरी में बेहतर, शैक्षणिक कार्य ,विद्यालय का सर्वांगीण विकास, विद्यालय के विकास में सहभागिता, शिक्षक अभिभावक परिषद में योगदान के साथ राष्ट्रीय कार्यक्रमों के क्रियान्वयन शैक्षिक नवाचार को लेकर काम के साथ साथ भामाशाहो को स्कूल के विकास कार्य करवाने के लिए प्रेरित किया.
बेहतर काम करने पर होती है खुशी
व्याख्याता अंजू झाझड़िया को शैक्षणिक नवाचारों के लिए इस वर्ष राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान मिल रहा है. अंजू झाझड़िया ने नामांकन वृद्धि में योगदान विद्यालय का सर्वांगीण विकास में सक्रिय सहभागिता राष्ट्रीय कार्यक्रमों के क्रियान्वयन शैक्षिक नवाचार के लिए राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान के लिए चुना गया है. इससे पहले अंजू झाझड़िया बालिका दिवस पर जिला स्तर पर सम्मानित हो चुकी है. अंजू झाझड़िया ने बताया कि बेहतर काम करने पर खुशी होती है और उसके परिणाम भी मिलते हैं.
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