Rajasthan News: झुंझुनूं को नहर का पानी दिलाने और 20 सालों से सूखी पड़ी काटली नदी को पुनर्जीवित करने की मांग को लेकर अब अखिल भारतीय किसान सभा गांव—गांव, ढाणी—ढाणी आंदोलन करेगी. इसे लेकर गुरुवार को शिक्षक भवन में अखिल भारतीय किसान सभा की बैठक हुई, जिसमें न केवल किसान सभा बल्कि अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया. 


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किसान सभा के आह्वान पर चिड़ावा में आंदोलन शुरू
बैठक के बाद सभा के महामंत्री मदन सिंह यादव ने बताया कि 1994 में नहर का पानी झुंझुनू को देने का समझौता हुआ था, लेकिन करीब तीन दशक बाद भी झुंझुनूं को आज तक एक बूंद पानी नहीं मिला. उन्होंने बताया कि जब नितिन गडकरी जल मंत्री थे, तो इस बात पर सहमति बनी थी कि अंडरग्राउंड पाइप लाइन डालकर पानी पहुंचाया जाएगा, लेकिन वो भी ठंडे बस्ते में चली गई. मदन सिंह यादव का कहना है कि यदि नहर का पानी झुंझुनू को नहीं मिला, तो आने वाले दिनों में हालात खराब हो जाएंगे. इसके लिए किसान सभा हर गांव और ढाणी में आंदोलन करेगा. जनता को जागरूक करेगा. उन्होंने बताया कि आंदोलन की शुरुआत चिड़ावा तहसील में हो चुकी है, जहां पर पांच—सात गांव के लोगों ने अपने स्तर पर किसान सभा के आह्वान पर आंदोलन शुरू कर दिया है, लेकिन अब पूरे जिले में यह आंदोलन किया जाएगा. 


काटली नदी को पुनर्जीवित करने की मांग 
महामंत्री मदन सिंह यादव ने बताया कि एक तरफ यमुना नहर का पानी ओवरफ्लो होकर दिल्ली में बाढ़ जैसे हालात पैदा करता है, तो दूसरी तरह यहां पानी दिया नहीं जा रहा. उन्होंने कहा कि 20 सालों से सूखी पड़ी शेखावाटी की लाइफ लाइन कही जाने वाली काटली नदी को पुनर्जीवित करने के लिए भी अधिकारियों और सरकार से बात की जाएगी. इस नदी के बहाव में हो रहे अतिक्रमण को हटाने और गड्ढों को दूर करने के लिए सरकार से बातचीत की जाएगी. जानकारी के अनुसार, किसान सभा की बैठक में आवारा पशुओं की समस्याओं को दूर करने के लिए भी चर्चा की गई. किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि जीरो डिग्री टेम्प्रेचर में किसान रात को हाथ में टॉर्च लेकर अपनी फसलों की आवारा पशुओं से रक्षा कर रहा है. ऐसे में इस समस्या का स्थायी समाधान करना होगा. 


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