Jhunjhunu: झुंझुनूं के मंडावा विधायक रीटा चौधरी के बयान पर सांसद नरेंद्र कुमार का पलटवार वाला बयान सामने आया है.उन्होंने कहा कि रीटा चौधरी को यह सोचना चाहिए कि जब उन्होंने सांसद बनने के बाद सीट खाली करी थी,


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तब उन्हें फिर से विधायक बनने का मौका मिला था. एक विधायक होकर एक सांसद के लिए इस तरह की बात करना निंदनीय है. उन्हें सट्टे के बारे में कुछ नहीं मालूम. सट्टे वाले अकेले में बैठकर ये काम करते हैं, जबकि मैं तो सुबह से रात तक जनता के बीच रहता हूं.


 वो भी आज से नहीं, बल्कि 2003 से जनता के बीच हूं. पिछले दिनों विधायक रीटा चौधरी के पीएसओ द्वारा पूर्व सरपंच को दी गई. धमकी मामले में भी सांसद ने निशाना साधते हुए कहा कि रीटा चौधरी को विचार करना चाहिए कि उनके साथ रहने वाले लोग किस तरह की अभद्रता से बात करते हैं. किसी को अभद्रता से बोलना बहुत बुरी बात है. मैं तो गांवों में जाता हूं तो विपक्ष की बात नहीं करता.


 बस ये ही करता हूं कि हम क्या करते है और हमें क्या करना है. उन्होंने मंडावा से फिर से उनके चुनाव लड़ने की चर्चाओं पर कहा कि उनको भाजपा ने सबसे बड़ा पद दे रखा है. सांसद बना रखा है. उनके लिए आठों विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के लिए काम करना प्राथमिकता है. जब वे सांसद है. तो खुद तो दावेदारी कर ही नहीं सकते.


इसके अलावा ना ही यह बोल सकते है कि हमारे घर में किसी को टिकट दो. पार्टी जिसे टिकट देगी. उसको जिताने का काम करेंगे. आपको बता दें कि मंडावा से ना केवल सांसद नरेंद्र कुमार के खुद के, बल्कि उनकी पुत्रवधु जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरि तथा उनके पुत्र अतुल खीचड़ के भी चुनाव लड़ने की खासी चर्चा है.


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