झुंझुनूं : SDM के बाद अब आरोप लगाने वाला एएओ भी एपीओ,जानें क्या है मामला
Jhunjhunu news: झुंझुनूं एसडीएम सुप्रिया कालेर पर सरकार ने एक्शन लिया है. दरअसल सुप्रिया कालेर द्वारा अपने ही कार्यालय के सहायक प्रशासनिक अधिकारी परेशान करने का मामला सामने आया था, मीडिया में खबर आनें के बाद उनको एपीओ कर दिया गया है.
Jhunjhunu news: झुंझुनूं एसडीएम सुप्रिया कालेर द्वारा अपने ही कार्यालय के सहायक प्रशासनिक अधिकारी को प्रताड़ित करने और फाइल में पैसे मांगने की शिकायत की खबर को प्रमुखता से न्यूज पर दिखाने के बाद सरकार ने कल देर रात को एसडीएम सुप्रिया कालेर को एपीओ कर दिया था, लेकिन अभी भी यह मामला निपटा नहीं है.
इस बार आरोपों के सवालों में घिर गए है जिला कलेक्टर डॉ.खुशाल यादव जी, हां सुप्रिया कालेर के एपीओ होने के बाद आज कल की तारीख का एक एपीओ आदेश और सामने आया. जिसमें जिला कलेक्टर ने एएओ राजेश बजाड़ को भी एपीओ कर दिया है.
आज यह आदेश जब राजेश बजाड़ के पास पहुंचा तो फिर से जिला कलेक्टर के सामने प्रस्तुत हुए और अपनी पीड़ा रखी. जिसमें उन्होंने लिखा है कि बीती रात को जो कलेक्टर बंगले पर उनसे एक पत्र लिखवाया गया था. उसमें पांच बिंदू थे.
इनमें से एक से तीन बिंदू उन्होंने अपने स्वविवेक से लिखे.लेकिन चार और पांच नंबर बिंदू उनसे जबरदस्ती बंगले पर मौजूद एसडीएम सुप्रिया कालेर ने गार्ड रूम में बैठाकर लिखवाए.
साथ ही उन्होंने इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि कल रात को उन्हें 9-10 बजे के आस-पास कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव ने बंगले पर बुलाया था. वे बुलाने पर बंगले पर गए भी. जहां पर पहले से ही एसडीएम सुप्रिया कालेर, गिरदावर अमीलाल तथा कलेक्टर बंगले का स्टाफ मौजूद था.
कलेक्टर ने उन्हें प्रकरण की वस्तुस्थिति पूछी. जिसे राजेश बजाड़ ने प्वाइंट टू प्वाइंट बता दिया. इसके बाद उन्हें गार्ड रूम में बैठाया गया.जहां पर एक कागज दिया गया और पत्र लिखवाया गया.यह पत्र एसडीएम सुप्रिया कालेर ने लिखवाया. जिसमें दो बिंदुओं पर उनकी सहमति नहीं थी. अब आज सुबह उन्हें एपीओ किया गया है.
उन्हें बिना कारण के एपीओ किया गया है.वहीं ना ही कोई जांच की गई है. कलेक्टर ने उन्हें एपीओ कर दिया, जिससे वे आहत है. उन्होंने कहा कि वे ऐसी जाति से आती है. जिनके वोट तो है,पर सपोर्ट नहीं है. इसलिए यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे राजकीय सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्त ले लेंगे. जिसका कारण उन्हें बार-बार प्रताड़ित करना और जातिगत कारण ही होगा.
सहायक प्रशासनिक अधिकारी था, काम करवा रहे थे एलडीसी का एएओ ने इस मौके पर कहा कि वे एसडीएम कार्यालय झुंझुनूं में लगातार प्रताड़ित हो रहे थे. वे सहायक प्रशासनिक अधिकारी थे.जो निजी सहायक होता है. लेकिन उनसे एलडीसी का काम करवाया जा रहा था. फिर भी वे बिना कोई विरोध के अपना काम कर रहे थे.उनकी टेबल पर आज भी कोई फाइल पेंडिंग नहीं है. लोकायुक्त और हाईकोर्ट के प्रकरणों में जब वे एसडीएम के आगे फाइल रखते तो भी उन्हें भला बुरा ही सुनने को मिलता.
क्यों घबरा रहे है कलेक्टर
इस मामले में जब आज मीडियाकर्मियों ने कलेक्टर डॉ.खुशाल यादव से प्रकरण की जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने साफ मना कर दिया. उन्होंने कहा कि वे इस प्रकरण में कुछ नहीं बोलेंगे. पीआरओ प्रकरण की जानकारी देगा. जबकि सच्चाई यह है कि यह सिर्फ कलेक्टर द्वारा मीडिया से बचने का बहाना था. असल में पीआरओ को इस प्रकरण में कोई जानकारी नहीं.
उठ रहे कुछ अहम सवाल
- कर्मचारी से माफीनामा लिखवाकर सरकार को गुमराह क्यों करना चाहते थे कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव
- क्या वास्तव में कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव से नही संभल रहे है इस तरह के हालात
- देर रात बंगले पर बुलाकर आखिरकार क्यों लिखवाया गया पीड़ित कर्मचारी से माफीनामा
- सरकार को समय पर मामले की संपूर्ण जानकारी नहीं दे सके जिला कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव
- अधिकारियों और कर्मचारियों में समन्वय स्थापित करने में नाकामयाब रहे है जिला कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव
- चुनावी साल में इस तरह कैसे मामलों को संभाल पाएंगे जिला कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव
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