Jhunjhunu news: राजस्थान के झुंझुनूं के मंड्रेला कस्बे में पिछले एक माह से गंदा पानी और पानी के साथ मिट्टी नलों से घर पहुंच रही है.जिससे लोगों को परेशानी हो रही है.वहीं पीएचईडी कर्मचारियों से लेकर अधिकारी आंखे मूंद कर बैठे है. 


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आधा दर्जन से अधिक इलाकों में है समस्या
जलदाय विभाग द्वारा की जा रही गंदे पानी की सप्लाई से सैंकड़ों परिवार परेशानी में है. उपभोक्ताओं का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है. कस्बे के भार्गव मोहल्ले, शीतला चौक, निर्वाणों के मोहल्ले, पुराने स्टैंड, पुराना पोस्ट ऑफिस, मुख्य बाजार के घरों में पिछले लगभग एक माह पानी की नलों से मिट्टी वाला पानी आ रहा है. 


एक महीने से समस्या, पर समाधान कोई नहीं
पानी में मिट्टी अधिक नजर आने से लोगों को खासी परेशानी हो रही है. पानी को पीना तो दूर, उसे हाथ में भी लेना मुश्किल हो रहा है. इस पानी से नहाना, कपड़े धोना ही नहीं, हाथ धोना भी मुश्किल हो रहा है. इस कारण बेहद परेशानी हो रही है.गंदे पानी की शिकायत जलदाय विभाग के कर्मचारी और अधिकारियों से की जा रही है लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है. क्षेत्र के लोगों ने बताया कि पानी की सप्लाई का यही हाल रहा तो अवश्य ही कस्बे के लोग बीमार हो जाएंगे.



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श्योपुरा ने मनरेगाकर्मियों ने किया प्रदर्शन


झुंझुनूं के चिड़ावा से लगती ग्राम पंचायत श्योपुरा में मनरेगाकर्मियों ने ग्रामसेवक पर मस्टरोल में हाजिरी नहीं लगाने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन कर ग्राम सेवक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और काम पर आए मजदूरों ने हाजिरी लगवाने की मांग की. श्योपुरा में मनरेगा कर्मियों के द्वारा प्रदर्शन करने की सूचना पर पंचायत समिति के कनिष्ठ अभियंता मौके पर पहुंचे और मनरेगा कर्मियों से बातचीत की.



मनरेगा कर्मियों ने बताया कि ग्राम सेवक ने मनमर्जी करते हुए कुछ मनरेगा कर्मियों की हाजिरी अंकित नहीं कर रहे है.ऐसे में काम पर आए मजदूरों को हाजिरी नहीं लगाने से भुगतान नहीं होगा.इसके बाद पंचायत समिति का कनिष्ठ अभियंता ने मनरेगा मस्टरोल में काम पर आए मजदूरों की हाजिरी अंकित करते हुए उनकी समस्या का समाधान किया इसके बाद मनरेगा मजदूर काम पर लौट गए.


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