Jhunjhunu News:राजस्थान के झुंझुनूं शहर में कलेक्टर बंगले के पास स्थित जी.लाल पेट्रोल पंप पर आग की सूचना से आज हड़कंप मच गया,लेकिन जब पुलिस और प्रशासन के अधिकारी व टीमें पहुंची तो पता चला कि यह सिर्फ एक मॉक ड्रिल थी. 


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दरअसल पिछले डेढ दशक से जितनी भी मॉक ड्रिल आपदा प्रबंधन को चैक करने के लिहाज से की गई है. वे बाकरा के गैस प्लांट में की गई थी. ऐसे में एक बार तो सभी ने इसे हादसा ही समझा और अपने संसाधनों के साथ पेट्रोल पंप पहुंचे. लेकिन पंप पर पहुंचे तो माजरा अलग नजर आया. 



जानकारी के आज सुबह 11 बजे पेट्रोल पंप से पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया गया कि उनके पेट्रोल पंप पर आग लग गई है. जिसके बाद कंट्रोल रूम ने ना केवल पुलिस अधिकारियों, बल्कि प्रशासन को सूचना दी. सबसे पहले सूचना के पांच—छह मिनट बाद ही सीओ सिटी वीरेंद्र शर्मा पहुंचे. 


इसके एक मिनट बाद एसपी राजर्षि राज वर्मा, फायर ब्रिगेड की टीम और कंट्रोल रूम में तैनान पुलिस जाब्ता पंप पर पहुंचा. देखते ही देखते सभी विभाग के अधिकारी और टीम अपने संसाधनों के साथ पेट्रोल पंप पर पहुंचे. लेकिन एंबुलेंस सबसे लेट पहुंची. सूचना के करीब 20—22 मिनट बाद एंबुलेंस पहुंची. जिसका रेस्पोंस टाइम सही नहीं कहा जा सकता. 



आपको बता दें कि इससे पहले पिछले डेढ दशक में आपदा प्रबंधन को चैक करने के लिए जितनी भी मॉक ड्रिल हुई है. वो बाकरा गैंस प्लांट में हुई है. 2010 में तत्कालीन कलेक्टर मुग्धा सिन्हा और एसपी अजयपाल लांबा ने जरूर बाकरा गैस प्लांट की बजाय रेलवे स्टेशन पर बम की सूचना देकर मॉक ड्रिल की थी. 



एसपी राजर्षि राज वर्मा ने बताया कि शहर के बीच में स्थित पेट्रोल पंप को मॉक ड्रिल के लिए इसलिए चुना कि सभी टीमें कितने समय में पहुंच सकती है. यह जानना था. इसके अलावा संसाधनों की कमी तो नहीं है.


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