Jhunjhunu:  पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अलवर जिले के रहने वाले चार ठगों को धर दबोचा है. जिन्होंने अब तक छह वारदातें कर 40 लाख रुपए से अधिक की ठगी करना स्वीकार कर लिया है. इनमें से चार वारदातें अकेले झुंझुनूं जिले की है. मामले का खुलासा एसपी श्याम सिंह ने झुंझुनूं में किया.


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एसपी श्याम सिंह ने बताया कि 10 मई को मुकुंदगढ़ निवासी रामचरण सोनी ने मामला दर्ज कराया कि मुकेश नाम का एक व्यक्ति, जो खुद को सवाई माधोपुर का रहने वाला बताता था. वो चार-पांच माह से उसके यहां पर आता था. जो गहने के बदले ब्याज पर पैसे लेकर जाता था और वापिस लौटा देता था. इसी क्रम में वे चार मई को आया और सोना रखकर 12 लाख रूपए ब्याज पर लेकर चला गया. 


नियत समय के बाद जब वह नहीं आया तो उसने मुकेश के फोन पर बात करने की कोशिश की. लेकिन वह लगातार स्वीच ऑफ आ रहा था. जिसके बाद शंका होने पर उसके द्वारा दिए गए सोने की जांच की गई तो वह चांदी जैसी धातु निकली. पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद आरोपियों की तलाश में चार राज्यों राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा तथा मध्यप्रदेश के नौ शहरों झुंझुनूं, कोटा, सवाई माधोपुर, गंगापुर सिटी, दिल्ली, भरतपुर, अलवर, गुड़गांवा आदि शहरों में दबिश दी.


पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद मामले में अलवर जिले के कठूमर थाना इलाके के मीणा मोहल्ला ग्राम रेटी निवासी तीन सगे भाइयों 37 वर्षीय गिरीराज उर्फ गोविंद उर्फ मुकेश नायक दौलत सिंह उर्फ राजू नायक तथा 44 वर्षीय डाल सिंह भोपा नायक पुत्र स्व. हजारीलाल भोपा नायक के अलावा दौलत सिंह उर्फ राजू का रिश्तेदार अतर सिंह उर्फ शिवकुमार पुत्र स्व. सुआराम भोपा नायक उम्र 53 साल शामिल है.


इन छह वारदातों को कबूला


एसपी श्याम सिंह ने बताया कि आरोपियों ने फिलहाल चार मई को मुकुंदगढ़ थाना इलाके के कस्बा क्षेत्र में की गई 12 लाख रूपए की ठगी के अलावा इसी दिन नवलगढ़ के दो स्थानों बावड़ी गेट इलाके से पांच लाख तथा कारी गांव से तीन लाख रूपए की ठगी के अलावा गुढ़ागौड़जी थाना इलाके के रघुनाथपुरा गांव में इसी दिन की गई पांच लाख रूपए की ठगी की वारदात कबूली है. इसके अलावा तीन मार्च को उद्योग नगर थाना कोटा से 12 लाख रूपए तथा अप्रैल 2023 में सिंगोली मध्यप्रदेश से तीन लाख रूपए की ठगी की वारदात को भी कबूल किया है.


इस टीम ने किया कमाल, धर लिए ठग


एसपी श्याम सिंह ने बताया कि इस कार्रवाई में मुकुंदगढ़ एसएचओ सरदारमल जाट के नेतृत्व तथा एएसपी डॉ. तेजपालसिंह के निर्देशन में टीम ने अपना सहयोग दिया. जिसमें खुद एसएचओ के अलावा हैड कांस्टेबल दामोदरप्रसाद, कांस्टेबल देवेंद्र कुमार, जितेंद्र कुमार सिंह, बनवारीलाल तथा संदीप कुमार के अलावा साइबर टीम के हैड कांस्टेबल दिनेश कुमार, मोहन भूरिया, कांस्टेबल जितेंद्र थाकन तथा अरविंद कुमार शामिल है.


डेरे डालकर रहते है, विश्वास जमाते है


एसएचओ सरदारमल जाट ने बताया कि ठग बड़े शातिर है. पहले वे इलाके में डेरे डालकर मजदूरी का काम करते है. इसके बाद सर्राफा कारोबारी को निशाना बनाते है. जिससे दो-तीन महीने साफ व्यवहार कर अपना विश्वास जमाते है. इसके बाद एक दिन असली के नाम पर नकली सोना थमाकर फरार हो जाते है.


आधार कार्ड भी फर्जी निकला


मुकुंदगढ़ वाले मामले में आरोपियों ने सर्राफा कारोबारी को एक आधार कार्ड भी दिया था. जो जांच में फर्जी मिला. इसके अलावा जो मोबाइल नंबर दिया था. उसकी सिम भी फर्जी कागजों पर जारी करवाई हुई मिली. जिसे वारदात के बाद ही आरोपियों ने नष्ट कर दी. ताकि कोई उनका पीछा ना कर सके. एसएचओ सरदारमल ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि भरतपुर इलाके से आरोपियों ने नकली कागजात तैयार करवाए है. जो वारदातों में काम लिए गए है. फर्जी कागजात तैयार करने वालों तक भी पुलिस पहुंचेगी. साथ ही इनकी गैंग में महिलाएं भी शामिल है. जिन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा.


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