झुंझुनूं: विधानसभा चुनाव में अब एक साल से भी कम समय बचा हुआ है. कांग्रेस चुनावी मोड में आ चुकी है. कांग्रेस नेता अपने-अपने क्षेत्रों में जनता से संवाद कर रहे हैं. इसी कड़ी में सचिन पायलट ने शेखावटी की धरती पर किसान सम्मेलन को संबोधित किया. सचिन पायलट का यह संबोधन एक तरह से शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देखा गया. हजारों की तादाद में आए लोगों ने सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे लगाए. किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि शेखावटी की ऐतिहासिक मिट्टी ने मुझे जो अपार स्नेह दिया है, मैं सदैव उसका कायल रहूंगा.


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किसानों के मुद्दे को लेकर हम प्रदेश में सम्मेलन कर रहे हैं. किसानों की आमदानी बढ़ाने के लिए अभी तक सिर्फ बयानबाजी होती रही है, लेकिन अब किसानों के साथ अन्याय नहीं होगा. पायलट ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीजेपी सत्ता में आने के लिए किसानों का सहारा लिया था. बीजेपी ने कहा था कि वह सत्ता में आएगी तो किसानों का जीवनयापन ठीक कर देगी, लेकिन क्या आठ सालों में किसानों की आमदनी दोगुनी हुई है?


केंद्र सिर्फ महंगाई बढ़ाने पर विचार कर रहा है. बेरोजगारी आज चरम पर है. किसान के दर्द और मुश्किल को समझा नहीं जा रहा है, जबतक किसानों के बच्चे नीतियां बनाने वाली कुर्सी पर नहीं बैठते तबतक हिंदुस्तान का भला नहीं हो सकता. देश को बांटने के लिए बहुत सी बातें कही जाती है, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि अनाज पैदा करने वाले किसानों की कोई जाति नहीं होती है. जवानी और किसानी जात-पात, धर्म-भाषा से ऊपर की बात है.


सियासी नियुक्तियों पर पायलट का हमला


पायलट ने बिना नाम लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी निशाना साधा. संगठन में हो रही नियुक्तियों को लेकर पायलट ने कहा कि जिन लोगों ने 2018 में पार्टी को जीताने के लिए खून पसीना बहाया आज उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है और चापलूस लोगों को जगह दी जा रही है. यह बहुत दुखद है.


वरिष्ठ कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को संगठन और पार्टी में भागीदारी नहीं है. पायलट ने तंज कसते हुए कहा कि अधिकारी शाम को रिटायर्ड होते हैं और देर रात उन्हें नियुक्ति मिल जाती है. सियासी नियुक्तियों को लेकर पायलट ने सच्चे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को जगह देने की मांग की. इस दौरान पायलट ने शेर पढ़कर गहलोत पर तंज कसा. पायलट ने कहा ''कुछ लोगों को गुमा है कि हमारी उड़ान कम है...मुझे यकीन है कि आसमान कम है''. हम छत्तीस कॉम के साथ मिलकर एक बेहतर राजस्थान बनाएंगे. बता दें कि राजस्थान कांग्रेस में लंबे समय से सचिन पायलट को मुख्यमंत्री की कमान देने की मांग चल रही है. सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच जारी सियासी विवाद दिल्ली आलाकमान तक पहुंच चुका है. बावजूद सियासी कलह शांत होने का नाम नहीं ले रही है. 


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किसानों से एकजुट होने की अपील


पायलट ने किसान सम्मेलन का मकसद बताते गुए कहा कि किसानों की भलाई के लिए प्रदेश में हम सम्मेलन कर रहे हैं, इसलिए किसानों को संगठित होकर अपनी बात रखने की जरूरत है. पायलट ने बीजेपी के जन आक्रोश सभा पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आपके पास सिर्फ आक्रोश है, जनता तो यहां बैठी हुई है. बता दें कि किसान सम्मेलन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे. पायलट ने कहा कि हमें पांच साल वाली परिपाटी को बदलने की जरूरत है. 10 महीने में हमसब एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे और 2023 में फिर से कांग्रेस को सत्ता में वापस लाएंगे.


 गुढ़ा ने फिर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की वकालत की
किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए गहलोत सरकार में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनने की फिर से वकालत की. गुढ़ा ने कहा कि आज जनमानस पायलट के नेतृत्व में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार चाह रहा है.समय आ गया है कि सचिन पायलट अब मुख्यमंत्री की कमान संभालें.   


ओला ने पायलट के लिए मांगा किसानों से समर्थन


गहलोत सरकार में परिवहन मंत्री बृजेंद्र ओला ने भी किसान सम्मेलन को संबोधित किया. ओला ने कहा कि पायलट के अध्यक्ष रहते राजस्थान में कांग्रेस की सरकार आई. हाईकमान ने जो पायलट को जिम्मेदारी सौंपा, उसपर पायलट खड़े उतरे और कांग्रेस की सरकार को सत्ता में लाया. पायलट निस्वार्थ भाव से पांच साल से संघर्ष कर रहे हैं. पायलट साहब राजस्थान में कांग्रेस को रिपीट करने के लिए पूरी लगन के साथ काम कर रहे हैं. पायलट के नेतृत्व में प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी. ओला ने किसानों से आह्वान किया कि आप सभी सचिन पायलट का समर्थन और सहयोग करें.