सूरजगढ़ः रास्ता बंद करने से घरों में कैद होने को मजबूर है डेढ़ दर्जन परिवार, प्रशसान, पुलिस और जनप्रतिनिधि ने मोड़ा मुंह
झुंझुनूं के पचेरी कलां का है जहां पर गुगनराम की ढाणी का रास्ता बंद करने का विवाद सामने आया है. इस ढाणी में रहने वाले डेढ़ दर्जन से अधिक परिवार दलित समाज से ताल्लुक रखते है. दबंगों ने सात दशकों से प्रचलित रास्ते को बंद कर रखा है
Surajgarh News: आजादी के 75 साल पूरे होने के बाद भी दलित समाज को समय-समय पर प्रताड़ित करने की खबरें आती है। ताजा मामला झुंझुनूं के पचेरी कलां का है जहां पर गुगनराम की ढाणी का रास्ता बंद करने का विवाद सामने आया है. इस ढाणी में रहने वाले डेढ़ दर्जन से अधिक परिवार दलित समाज से ताल्लुक रखते है. दबंगों ने सात दशकों से प्रचलित रास्ते को बंद कर रखा है. साथ ही दलित परिवार को जरिए विरोध करने पर मारपीट तक की.
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गुगनराम की ढाणी में रहने वाले दलित परिवार ने दबंगों पर आरोप लगाते हुए ने बताया कि इस मामले में वे हर जगह गुहार लगा चुके है लेकिन कही कोई सुनवाई नहीं हो रही. हालात यह है कि ढाणी के लोगों ने अब पलायन करना शुरू कर दिया है.
इस मामले पर गांववलों ने बताया कि दो-ढाई साल से रास्ता बंद है जिसके कारण गांव के सरकारी स्कूल में बच्चों का नामांकन भी कम हो गया है. अगर किसी बच्चे को स्कूल जाना है तो वह हर दिन खेतों की मेड़ पर लगाए गए तारों के नीचे से उन्हें गुजरकर स्कूल जाना पड़ता है जिसके कारण स्कूल में बच्चो की संख्या घटकर अब महज छह रह गई है.
वहीं पिछले दिनों एक बच्चे की गर्दन में तार चुभ जाने से उसका जयपुर में इलाज कराया गया. इस परेशानी के कारण एक दलित परिवार ने ढाणी से पलायन तक कर लिया है.
आगे ग्रामीणों ने बताया कि वह इस मामले को लेकर नेताओं के पास भी गए तो सत्ताधारी नेताओं ने वोट ना देने पर भुगतने की बात कही. वहीं पुलिस में मामला दर्ज कराया तो वहां पर भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. प्रशसान, पुलिस और जनप्रतिनिधि सभी ने उनसे मुंह मोड़ लिया है.
23 साल पहले सरकार ने खोला स्कूल, पर अब बंद होने को
गुगन की ढाणी बुहाना ग्राम पंचायत के अंतर्गत वार्ड नंबर दो में आती है.जहां पर सरकार ने 23 साल पहले सरकारी स्कूल खोला गया था. इसके लिए गुगनराम मेघवाल के पुत्र रामकुमार ने भूमि राज्य सरकार को विद्यालय के लिए दान की थी जो राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज हो गई. परंतु विद्यालय का रास्ता काटानी में नहीं बदला.
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ये परिवार बसे हुएहै फिलहाल
पूर्व सैनिक श्योराम मेघवाल, वीरेंद्र मेघवाल, विजय, सत्यवीर तुंदवाल, शैलेंद्र, अमित, जयवीर, रतिराम, अजय, श्रीराम, महेश, योगेश, रघुवीर, धनपति, बसंती, धापली, सरिता, मंजू, विजेता, उर्मिला, सोनू, उर्मिला देवी, पूजा, चांदनी, एकता, रेखा, प्रिया, मनीषा है.
Reporter: Sandeep Kedia