Bilara: जोधपुर जिले के बिलाड़ा उपखंड में तहसील रोड पर स्थित अंबेडकर छात्रावास में कमरा ढहने से हड़कंप मच गया और छात्रावास में रह रहे छात्र इधर-उधर भागने लगे. गनीमत यह रही कि जो कमरा गिरा था उसमें रह रहे छात्र गांव गए हुये थे और बड़ा हादसा होने से टल गया. छात्रावास के कमरे के ढहने की सूचना पर कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा और बच्चों को फोन कर गांव जाने को कहा. बारिश को देखते हुए बच्चे छात्रावास को खाली कर अपने गांव चले गए.


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आज बरना गांव में बारिश के कारण तीन मकान गिर गए. मकान गिरने पर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे. एक बड़ा हादसा होने से टल गया. मकान गिरने से पंचायत प्रशासन भी मौके पर पहुंचा और जान माल के नुकसान के बारे में आश्वासन दिया और कहा कि आर्थिक मदद दिलाने की कोशिश की जाएगी.


सरकार शिक्षा के नाम पर करोड़ों खर्च कर रही है. नए स्कूल खोलकर और क्रमोन्नत कर वाहवाही बटोर रही है, लेकिन हालत ऐसे हैं की सरकारी स्कूलों के भवन जर्जर हो गए हैं, जहां बच्चों को बैठाकर पढ़ाना किसी खतरे से खाली नहीं है. ये हाल बिलाड़ा ब्लॉक के सरकारी स्कूल गारवो की ढाणी झाक के हैं. बारिश के चलते मंगलवार को बरामदे की छत का प्लास्टर गिरने से बच्चे और स्टाफ भय का माहौल हैं. गनीमत रही कि जिले में तेज बारिश के कारण जिला कलेक्टर ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया. जिसके कारण बच्चे विद्यालय नहीं आ पाए. विद्यालय की छत पूरी तरह जर्जर अवस्था मे पड़ी हुई है. यहां बच्चे सुरक्षित अध्ययन नहीं कर पा रहे हैं. पढाई के बोझ के साथ हादसे की आशंका हरदम बनी रहती है. वअधिकारी भवन की मरम्मत करवाने के इच्छुक नजर नहीं आते हैं.


प्लास्टर गिरने की सूचना शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दी गई. जानकारी मिलने पर स्थानीय ग्रामीण स्कूल परिसर में पहुंचे. हर वर्ष बरसात के मौसम में जर्जर भवन से प्लास्टर गिरने की समस्या होती है, कई बार छात्र-छात्राएं घायल होने से बची हैं. स्कूल भवन की मरम्मत के लिये अधिकारी मौके पर आते हैं लेकिन ठोस कार्रवाई के अभाव में भवन मरम्मत के लिये बजट आंवटन नहीं हो पाया है. रणसीगांव की सरकारी स्कूल जर्जर अवस्था में है जहां खुले आसमान के साये में कक्षाएं चल रही है.


विद्यालय भवन गिराने की अनुमति लंबे समय से विभाग से मांगी जा रही है और भामाशाह परिवार रणसी गांव में नया विद्यालय भवन बनाने को भी तैयार हैं लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण बच्चों को नीम के नीचे एक से लगाकर पढ़ना पड़ता है. यहां विद्यालय के जर्जर कक्षा कक्षों के गिरते प्लास्टर एवं कक्षा कक्षों में भरे बरसाती पानी के कारण बच्चों को अब खुले आसमान तले विद्यालय के खेल मैदान में खुले आसमान के तले कक्षा कक्ष चल रही है. जहां नाम मात्र औपचारिकता का अध्यन चल रहा है.


 यहां विद्यालय की प्राचार्या मोहिनी मीणा ने बताया कि विधालय के हालात को लेकर पिछले कई वर्षों से लगातार शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत करवाया गया है लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा है मजबूरन प्लास्टर गिरने वाले कक्षा कक्षों को लॉक करके बच्चों को खुले आसमान तले पढ़ाने को मजबूर हो रहे हैं. 


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