Luni News: बारिश के सीजन में गीली मिट्टी होने के कारण से हिरणों की जान पर बन आती है. आवारा कुत्ते इन को अपना शिकार बना लेते हैं. जिसको लेकर वन्यजीव प्रेमियों ने कई बार प्रशासन को इस विषय में अवगत भी करवाया है.


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वहीं, राजस्थान हाई कोर्ट ने भी आवारा कुत्तों को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है, जिसको लेकर उन्होंने प्रशासन को निर्देश भी दिए है. पर इश पर प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया और  जोधपुर जिले के लूणी क्षेत्र के खेजडली में बारिश के दरमियान आवारा कुत्तों ने बीस हिरणों की जान ले ली. वहीं समय रहते पर्यावरण प्रेमियों ने पांच हिरणों की जान भी बचाई.


खेजड़ली रेस्क्यू सेंटर के संचालक घेवर राम गोदारा ने बताया कि, क्षेत्र में इन दिनों हो रही तेज बारिश के चलते मिट्टी गीली होने के कारण हिरण आसानी से दौड़ नहीं सकते, जिसका फायदा आवारा स्वान उठाकर उन्हें अपना शिकार बना रहे है.


आगे उन्होंने बताया कि, खेजडली के आस पास 25 हिरणों को आवारा जवानों ने अपना शिकार बनाया. जिनमें से वे 5 हिरणों को रेस्क्यू कर बचाने में कामयाब रहे जिनका प्राथमिक स्तर पर इलाज कर रहे हैं.अन्य 20 हिरणों को श्वानों के शिकार से नहीं बचा पाए.


जिसके चलते मारे गए बीस हिरणों को उन्होंने अंतिम संस्कार किया. उन्होंने क्षेत्र के ग्रामीणों से मार्मिक अपील करते हुए आवारा स्वानो से हिरणो को बचाने का आह्वान किया. हम आपको बता दें कि हिरणों के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाले विश्नोई समाज ने मंगलवार को भी पानी में बह रहे हिरण को अपनी जान जोखिम में डालकर बचाया था .


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