Jodhpur: आज के युग में देश-दुनिया दुनिया में शिक्षा को लेकर अलख जगाया जा रहा है. खासकर युवाओं में शिक्षा को लेकर जागरूकता तो आई है लेकिन साथ ही सरकारी नौकरी पर निर्भर होने लगे युवा पीढ़ी पढ़ लिख कर सरकारी नौकरी की चाह में आधी से अधिक उम्र बिना किसी काम के निकाल देते हैं. 


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आधी उम्र तक उनके पास एकाध डिग्री ही ले पाते हैं. आज हम आप को मिलवाने जा रहे हैं एक ऐसे युवक से, जो की दुनिया में सबसे अधिक पढ़े लिखे हैं. अशोक भाटी 25 डिग्री डिप्लोमा धारक गोल्ड मेडलिस्ट हैं और इनको लिम्का बुक आफ अवॉर्ड भी मिल चुका है. साथ ही गिनीज बुक में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं.


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इतने पढ़े लिखे होने के बावजूद भी अशोक भाटी को लूणी रेलवे स्टेशन पर ठेला चलाकर आज भी रसगुल्ले बेचने का काम करते हुए किसी भी तरह की कोई भी परेशानी या छोटे बड़े काम को लेकर कोई एतराज नही हैं. इतने पढ़े लिखे होने के बाद अपने काम का मैनेजमेंट किस तरह से करते हैं. वह बताते हैं कि अपने ठेले पर चारों तरफ डिग्रियों को डिस्प्ले कर रखा है. ऐसा इसलिए कर रखा है क्योंकि इनको देखकर युवा पीढ़ी कहीं भटके नहीं. इस संदेश के साथ डिग्री हासिल करने वाले युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत में बने हुए हैं.


कहते हैं पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती है और न ही कुछ सीखने की उम्र होती है. मिलवाने जा रहे हैं एक ऐसे शख्स से, जिस से मिलकर डिग्रियों का पुलिंदा देखेंगे तो आपकी आंखें फटी की फटी रह जाएंगी. अपने बायोडाटा में इन्होंने करीब 25 डिग्रियों का हवाला दे रखा है. ऐसा बायोडाटा आपने कभी नहीं देखा होगा. इतना कुछ करने के बावजूद इनकी पूरी दिनचर्या जोधपुर के लूणी के रेलवे स्टेशन पर जहां पर सिग्नल होते हैं ट्रेन के पास ठेला लेकर दौड़ते हुए ठेला धारक दिखेंगे. उन सबके बीच में अशोक भाटी ठेला लेकर दौड़ते हुए दिखेंगे. अशोक भाटी 63 वर्ष की उम्र में 25 डिग्री ले चुके हैं, आज भी पूरे जोश से अपना काम करते दिखेंगे. रेलवे स्टेशन पर भीड़ उमड़ पड़ती है और ट्रेन से उतरकर यात्री अधिक अधिकतर अशोक भाटी से ही खरीदारी करते हैं.


Reporter- Bhawani Bhati


 


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