अनोखा मामला! जोधपुर में तहसीलदार ने मांगी रिश्वत तो किसान ने अपने 9 बच्चों को रखा गिरवी
जोधपुर के फलोदी तहसीलदार पर तेरह किसानों द्वारा दो लाख रुपए मांगने का आरोप लगाते हुए अपने नन्हे मुन्ने 9 बच्चो को तहसीलदार कार्यालय में राम भरोसे छोड़कर कर जाने का अनोखा मामला प्रकाश में आया.
Jodhpur News : जोधपुर के फलोदी तहसीलदार पर तेरह किसानों द्वारा दो लाख रुपए मांगने का आरोप लगाते हुए अपने नन्हे मुन्ने 9 बच्चो को तहसीलदार कार्यालय में राम भरोसे छोड़कर कर जाने का अनोखा मामला प्रकाश में आया. जानकारी मिलने पर एसडीएम डॉ अर्चना व्यास, तहसीलदार हुक्मीचंद, पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे .
श्यामलाल विश्नोई ने बताया कि खेत खसरा संख्या 568 ग्राम विश्नोई चक ढढु की तरमीम पीडी 2 मई को जारी की गई जिसके लिये तहसीलदार हुकमीचंद द्वारा दो लाख रूपये मांगे गये थे लेकिन उसकी भरपाई दो लाख रूपये नहीं देकर इसके बदले मै मेरे बच्चों को आप ही को बेच रहा हूँ, जिससे आप अपनी भरपाई पूरी कर न्याय प्रदान करने की मांग की है.
विश्नोई ने बताया कि अधिकारी द्वारा उक्त खेत की पीडी नियम विरूद्ध 14 में से 13 खातेदारों को अनसुना कर अपने चहेते एक के पक्ष में एक तरफा पीडी जारी की जा रही है इससे वह अत्यन्त दुःखी व त्रस्त है और उसके परिवार के खेत के खातेदारों को मौके पर अनसुना कर किया गया.
पीडी के आदेश का बहिष्कार किया गया फिर भी जानबूझकर अपनी मन मर्जी से एक खातेदार के पक्ष में एक तरफा फैसला किया जा रहा है इसलिये मै उनकी मांग को रूपये देकर पूरी नहीं कर सकता था, इसलिये अपनी पूँजी सिर्फ बच्चे बताते हुए नाबालिग बच्चों को बेचकर बच्चों के अधिकारों के हनन का दुःसाहस कर रहा हूं जिससे आपकी डिमान्ड पूरी हो सके. अतः दुख के साथ इन भोले भाले 9 बच्चों का अधिकार छीनते हुए तुम्हें बेच रहा हूँ. जिस दिन उसके पास मांगी गई राशि की व्यवस्था होगी तो ब्याज समेत देकर बच्चे वापिस ले लूँगा.
प्रशासन से मिली जानकारी अनुसार तहसीलदार ने अभी तक पीडी तैयार करने के लिए मौका ही देखा है बाकी सारा कार्य अभी तक बाकी ही है, ऐसे में किसी पर आरोप लगाना गलत बात है. देर शाम 8 बजे तक भी तहसीलदार कार्यालय के आगे खुले में बैठे बच्चों का एसडीएम डॉ व्यास ने संज्ञान लेते हुए मनाने को कोशिश की और बताया कि इस तरह बच्चों को छोड़ देने पर इनके परिजनों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी. लेकिन बच्चों को लेकर प्रशासनिक अधिकारी भी भारी असमंजस की स्थिति में देखें गये.
फिलहाल बुधवार देर रात तक एसडीएम डॉ अर्चना व्यास द्वारा बच्चों से समझाईस के बाद बात नहीं बनी तो पीडी को लेकर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई से इंकार करते हुए किसान को तहसीलदार द्वारा लिखित आश्वासन दिए जाने पर बच्चों को किसान द्वारा अपने घर ढढू ले जाया गया.
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