Jodhpur News: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ऑफ इंडिया और गुजरात एटीएस की टीम ने राजस्थान-गुजरात में एमडी ड्रग्स मामले में लगातार कारवाई को आगे बढाते हुए जंच पड़ताल जारी है. टीम ने दो दिन पहले गुजरात व राजस्थान के चार ठिकानों पर दबिश देकर 300 करोड़ की एमडी ड्रग्स,फैक्ट्ररीयां एवं 13 आरोपियों को पकडा था. 


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जोधपुर के ओसियां में भी इसके तहत कारवाई की गई थी जिसमें राम प्रताप एनसीबी की गिरफ्त में आया लेकिन मुख्य सरगना जगदीश विश्नोई फरार चल रहा है. अब एनसीबी की जांच टीम एनसीएफ गांधी नगर की टीम ओसियां पहुंचकर सैम्पल लिए गए. वहां पकड़े गए कारखाने के साथ जार आदि उपकरणों की जांच के साथ सैम्पल टैस्टिंग हुई, जिसमें यह पुष्टि कर दी गई की यहा एमडी ड्रग्स तैयार की गई थी. जो रॉ मेटेरियल मिला है उससे करीब 6 से 8 किलो एमडी तैयार हो सकती थी लेकिन तैयार होने से पहले ही कारवाई होने के चलते रॉ मेटेरियल ही बरामद हुआ. 


ओसियां में रामप्रताप ने एमडी का कारखाना लगाया था, वही जगदीश विश्नोई के साथ कुलदीप सिंह व हरीश सोलंकी और दीपक सोलंकी गुजरात एमडी ड्रग्स ले जाते थे. पाली का दीपक सोलंकी,ओसियां का कुलदीप सिंह और हरीश सोलंकी साल 2023 में दर्ज मुकदमे में जोधपुर की सेंट्रल जेल में साथ थे. जेल से छूटने के बाद तीनों गुजरात में ही सेटल हो गए. ओसियां से एमडी ड्रग्स बाडमेर के रास्ते पाकिस्तान बॉर्डर पर सप्लाई की जाती थी और नागौर बीकानेर के रास्ते पंजाब दिल्ली तक सप्लाई की जाती थी. एनसीबी पुलिस के साथ मिलकर पडताल में जुटी है कि और भी कई लोग इसमे शामिल हो सकते है. उसकी कडी जोडने का प्रयास जारी है.


एनसीबी के ज्वाइंट डायरेक्टर जोधपुर घनश्याम सोनी ने कहा कि पहले तो ओसियां और सिरोही में पकडे गए लोगो के तार आपस में जुड़े है. दोनों ही जगह पर कारखाने लगाने में जगदीश विश्नोई और कुलदीप का अहम रोल रहा है. इसके अलावा गुजरात का मनोहर इसका मास्टर माइंड था जिससे ये सप्लाई ले रहे थे लेकिन छोटे- छोटे काम कि बजाय बड़ा करने के लिए इन लोगों ने सिरोही और जोधपुर में खेतो के बीच में कारखाने ही लगाने का प्लान बना लिया.


 एनसीएफ की टीम ने खुलासा किया कि एमडी ड्रग्स सिरोही में तो बरामद हुई है और ओसिया में भी प्रोडेक्शन की टैस्टिंग हो चुकी थी और समय रहते कारवाई नही होती तो हो सकता था कि एमडी तैयार कर बाजार में युवाओं के हलक तक पहुच जाती लेकिन समय रहते कारवाई हो गई.