Jodhpur News: जोधपुर हिंदू मुस्लिम एकता को खंडित करने और सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जोधपुर के तिंवरी कस्बे में गत 4 जनवरी को मथानिया चौराहे पर दो युवकों ने ऐसी घटना को अंजाम दिया, जिसके बाद हंगामा होने का पूरा अनुमान था. लेकिन प्रशासनिक सजगता और सामाजिक समरसता के चलते, उन दोनों समाज कंटकों का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाया. इसके बाद कॉम नागौरी तेलियान पंचान समिति तिंवरी ने जो निर्णय लिया वह एक मिसाल के रूप में कहा जा सकता है.


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दरअसल गत 4 जनवरी को तिंवरी के मथानिया चौराहे पर एक गौवंश के बछड़े का कटा हुआ सिर मिलने से तिंवरी में सनसनी फैल गई. घटना की जानकारी मिलने के बाद बजरंग दल सहित हिंदू संगठन मौके पर पहुंचे और इस घटना का जबरदस्त विरोध जताया. प्रशासन के सामने यह चुनौती खड़ी हो गई थी कि आखिर ऐसी स्थिति से किस तरह से निपटा जाए, क्योंकि धीरे-धीरे विरोध बढ़ता जा रहा है.


इस हालत में प्रशासन की मुस्तेदी और हिंदू तथा मुस्लिम संगठनों के आपसी ताल के चलते मामला बिगड़ने से रोक लिया गया. प्रशासन ने दोनो पक्षों की लगातार कई मीटिंग रखी और समझाइश की. पुलिस ने मामले में दो आरोपियों को किया गिरफ्तार. 


एक तरफ जहां पुलिस सामाजिक सौहार्द को बनाए रखने का प्रयास कर रही थी, वहीं दूसरी तरफ इस घटना पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महज 24 घंटे में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने इस मामले में तिंवरी के मेघवालों का बास निवासी टैक्सी चालक 20 वर्षीय मोहम्मद साउथ पुत्र मोहम्मद यूनुस जाति तेली मुसलमान तथा तेलियां का बास निवासी 28 वर्षीय अकरम उर्फ बाबू पुत्र अब्दुल लतीफ जाति तेली मुसलमान को गिरफ्तार किया कर लिया.


दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से तिंवरी में अतिरिक्त पुलिस जाप्ता तैनात कर दिया, वहीं तिंवरी तथा जोधपुर सहित आसपास के इलाकों में फ्लैग मार्च निकाला. इस दौरान तिंवरी में हिंदू तथा मुस्लिम संगठनों ने पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करने पर फ्लैग मार्च के दौरान पुलिस पर पुष्प वर्षा कर धन्यवाद प्रकट किया.


घटना के तीसरे दिन सोमवार को कौम नागोरी तेलियान पंचान समिति तिंवरी के अध्यक्ष मोहम्मद इकबाल बाबू राठौड़ ने समाज के लेटर पैड पर लिखकर एक संदेश जारी किया, जिसमें यह जानकारी दी गई कि दोनों आरोपियों तथा उनके परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया है.


इस बहिष्कार के पीछे वजह उन्होंने हिंदू मुस्लिम एकता को बिगाड़ना तथा हिंदू धर्म के भावनाओं को ठेस पहुंचाने व सामाजिक सौहार्द को खत्म करने की साजिश रचने के कारण यह कदम उठाना बताया है. हिंदू संगठनों द्वारा मुस्लिम समाज के संगठन के उठाए गए कदम की प्रशंसा की जा रही है. वहीं संभवत पश्चिमी राजस्थान में यह पहला मामला है जब किसी मुस्लिम संगठन ने इस तरह के कुत्सित प्रयास करने पर अपने स्तर पर आरोपियों और परिवार को उनके कृत्य पर सबक सिखाने का प्रयास किया है, ताकि भविष्य में इस तरह की हरकत कोई और ना करें.