आखिर कैसे `आसुमन` बन गए `आसाराम`, कभी बेची चाय तो कभी चलाया तांगा
Jodhpur News: आसाराम का पुराना नाम आसुमन थाउमल हरपलानी था. इनका जन्म 17 अप्रैल 1941 को पाकिस्तान के सिंध इलाके के बैरानी गांव में हुआ था. जब बंटवारा हुआ तो उनका परिवार अहमदाबाद में बस गया. बताया जाता है कि आसुमन थाउमल हरपलानी गुजर-बसर के लिए तांगा भी चलाते थे. चाय भी बेंची और शराब का कारोबार भी किया था.
Asaram Bapu: रेप के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम के मामले में आज नया अपडेट सामने आया. आसाराम और उसके सहयोगियों की ओर से सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की गई थी. इसको लेकर जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी की खंडपीठ में आज सुनवाई टल गई है. वही, नए सरकारी अधिवक्ता नीरज गुर्जर ने समय मांगा है. आसाराम की याचिका पर सुनवाई अब 21 सितंबर यानी की बुधवार को होगी.
बता दें कि 11 साल पहले आसाराम को दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किया गया था. पिछले 11 सालों से वह जेल में कैदी की जिंदगी जी रहे थे. जोधपुर की सेंट्रल जेल में सजा काट रहे आसाराम बापू को गांधीनगर की अदालत ने रेप के मामले में सजा दी थी. सेशन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी. साल 2013 में आसाराम बापू के खिलाफ रेप केस दर्ज हुआ था. वहीं, रेप की वारदात साल 2001 से 2006 के बीच हुई थी.
जेल में है आसाराम बापू का बेटा
आसाराम बापू के साथ-साथ उनके बेटे नारायण साईं के खिलाफ भी पीड़िता की बहन ने रेप का केस दर्ज करवाया था. अप्रैल 2019 में नारायण साईं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. आसाराम बापू के खिलाए FIR साल 2013 में अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में दर्ज करवाई गई थी.
आसाराम बापू पर दर्ज की गई FIR के अनुसार, आसाराम ने हमदाबाद शहर के बाहर बने आश्रम में साल 2001 से 2006 के बीच पीड़िता के साथ कई बार दुष्कर्म किया था. वहीं, पीड़िता ने आसाराम के साथ-साथ 7 अन्य लोगों के खिलाफ भी रेप और बंधक बनाने का केस दर्ज करवाया था. मामले में आसाराम की पत्नी लक्ष्मी और बेटी भारती भी आरोपी थी. वहीं, इस रेप केस मामले में कोर्ट ने सेशन कोर्ट के जज डीके सोनी ने केवल आसाराम को ही दोषी माना था और सजा सुनाई. अन्य बाकी 6 आरोपियों को सबूतों के अभाव के चलते बरी कर दिया था. बता दें कि आसाराम को बड़े-बड़े सेलिब्रिटी भी फॉलो करते थे और वह खुद को 'भगवान' भी बता चुके हैं.
जानकारी के अनुसार, आसाराम का पुराना नाम आसुमन थाउमल हरपलानी था. इनका जन्म 17 अप्रैल 1941 को पाकिस्तान के सिंध इलाके के बैरानी गांव में हुआ था. जब बंटवारा हुआ तो उनका परिवार अहमदाबाद में बस गया. बताया जाता है कि आसुमन थाउमल हरपलानी गुजर-बसर के लिए तांगा भी चलाते थे. चाय भी बेंची और शराब का कारोबार भी किया था.
आसाराम की वेबसाइट के अनुसार, ईश्वर को पाने के लिए वह लीलाजी महाराज के पास गए. उन्होंने साधना सिखाई. इसके बाद 7 अक्टूबर 1964 को आसाराम को 'आत्म साक्षात्कार' हुआ. इसके बाद वह आसुमन से 'आसाराम' बन गए. कई बार वह खुद को 'भगवान' तक बता चुके हैं. आसाराम की ऑफिशियल वेबसाइट पर कहा गया है कि दनिया भर में उनके 3 करोड़ भक्त हैं. हैरानी की बात यह है कि आसाराम के आश्रम में पहले बड़े-बड़े सेलेब्रिटीज और राजनेता मत्था टेकने आते थे.