Jodhpur news : जोधपुर फलौदी थाना क्षेत्र में 12 वर्ष पहले सोनामुखी की फैक्ट्री के मुनीम की हत्या कर करीब डेढ लाख की नकदी लूट कर भागे तीन अज्ञात आरोपियों को जोधपुर रेंज पुलिस की टीम ने करीब दो माह की मशक्कत के बाद गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की. इस हत्या और लूट की वारदात को खोलने में फलौदी के सट्टाबाजार की पहचान और सोजत की मेहंदी की खासियत ने भी अपराधियों तक पहुंचने में काफी मदद की. आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस के अपराधियो तक पहुंचने पर उनके साथ चुनाव चर्चा में फलौदी के सट्टा बाजार और बालों में लगाने के लिए सोजत की मेहंदी पर विशेष जानकारी आरोपियों को होने पर उनके फलौदी काण्ड का खुलासा हुआ.


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कत्ल कर हुए थे फरार


पुलिस महानिरीक्षक रेंज जोधपुर विकास कुमार ने रेंज पुलिस की इस ऐतिहासिक सफलता को मीडिया के सामने खुलासा किया. उन्होंने बताया कि फलौदी थाने के खींचन कस्बे में स्थित सोनामुखी फैक्ट्री में बतौर श्रमिक लगे तीन श्रमिकों लालदेव, उदय और नरेश ने फैक्ट्री के मुनीम कोजाराम को शराब के नशे में धुत कर गला घोंटकर हत्या कर उसके पास रखी डेढ़ लाख की नकदी लेकर फरार हो गये. उस वक्त न तो मोबाइल तकनीक इतनी थी और न ही सीसीटीवी कैमरे थे जिसके चलते वारदात को अंजाम देकर फरार हुए मुल्जिमों के नाम पते और फोटो भी उपलब्ध नहीं थे. 


40 हजार का था इनाम

पुलिस ने 12 साल पूर्व घटित इस हत्या और लूट की वारदात को खोलने के लिए तीनों अज्ञात आरोपियों के खिलाफ 40-40 हजार के इनाम भी रखे थे. काफी समय तक पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तेलगांना,उडीसा और पंजाब तक तलाश की इस दौरान पुलिस टीम में शामिल लोगों ने कहीं श्रमिक का रूप धरा, कहीं गायें चराई, कई खेतों में फसल काटी. आखिर तीनों नामजद आरोपियों लालदेव, उदय और नरेश को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की. प्रारंभिक जांच पड़ताल में आरोपियों के नक्सलियों से संबंध भी उजागर हुए और नक्सलियों के लिए वसूली, हत्या, हत्या प्रयास, डरा धमकाकर वसूली करने के भी मुकदमे हैं.



आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए वर्तमान समय में सोशल नेटवर्किंग, आरोपियों के परिवार तक पहुंचने के लिए पुलिसकर्मियों को अपनी वेशभूषा व कार्यप्रणाली भी बदलनी पड़ी. आज सुबह आईजी रेंज विकास कुमार ने पकड़े गये आरोपियों के बारे में बताया कि तीनों लोग घर परिवार की विपरीत परिस्थितियों के चलते अपने स्तर सुधारने के लिए बड़ा व्यापार करना चाहते थे लेकिन उनको इसके लिए धन की जरूरत थी और इसी के लिए वो राजस्थान के फलौदी खींचन गांव में आए और सोनामुखी फैक्ट्री में बतौर श्रमिक लगे. 


विश्वास में लेकर शुरू किया काम



वहीं, लाखों के लेनदेन देखकर वारदात को अंजाम देने के लिए टिके रहे. फैक्ट्री का अधिकांश लेनदेन मुनीम कोजाराम करता था, जिसको विश्वास में लेकर साथ खाना पीना शुरू कर दिया. 12 दिसंबर 2012 को खराब पार्टी के बाद नशे में धुत कोजाराम की लूट की नीयत से गला घोंटकर हत्या कर लाश फैक्ट्री में ही पड़ी सोनामुखी से भरी बोरियों के नीचे दबाकर मुनीम के पास रखी डेढ़ लाख की नकदी लेकर फरार हो गये थे. इस वारदात को खोलने में जोधपुर रेंज के करीब 12 अधिकारी व जवानों ने भूमिका निभाई. इसके साथ बिहार, यूपी, तेलंगाना,उडीसा और पंजाब पुलिस का भी सहयोग रहा. प्रारंभिक पूछताछ में तीनों आरोपियों ने करीब एक दर्जन वारदातें विभिन्न प्रदेशों व थाना क्षेत्रों में करना कुबूल किया.


Reporter- Rakesh Kumar Bhardwaj