Jodhpur News: जोधपुर में शिक्षक भर्ती परीक्षा के तृतीय श्रेणी पेपर लीक मामले में  पुलिस ने जिन 37 आरोपियों को पकड़ा था रविवार को उन्हें जेल भेज दिय गया और तीन आरोपी को रिमांड पर ले लिया गया है. पुलिस प्रशासन आश्वसत है कि आरोपियों के पास जो 300 सवाल से जुड़ी पीडीएफ आरोपी के मोबाईल फोन में मिला है, उससे एक भी सवाल परीक्षा में नहीं था. हालालंकि  इसके बावजूद पुलिस पीडीएफ जारी नहीं कर रहा है. 
 जोधपुर पुलिस कमिश्नर रविदत्त गौड़ ने पीडीएफ  उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया है .


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पुलिस के अनुसार, ये 300 सवाल दो पीडीएफ के रूप में वॉट्सएप पर आए थे, आरोपी प्रिंट निकालने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन प्रिंट नहीं निकला. पुलिस के अनुसार पुलिस को दो दिन पहले ही पता लग गया था कि पेपर लीक होगा , लेकिन पुलिस को आरोपी रंगे हाथ पकड़ना था, पुलिस अपना पहचान छुपाकर मैरिज गार्डन में शादी वाले बनकर रूके थे ताकि उसे कोई पहचान नहीं सके. जहां आरोपी रूके थे आरोपियों के तीन कमरों को पुलिस ने चिह्नित कर लिया था ,सुबह जब प्रिंट नहीं निकला तो आरोपी 30 परीक्षार्थियों को मोबाइल से पढ़कर प्रश्न व उनके उत्तर बताने लगे, 6:30 बजे पुलिस ने दबिश देकर आरोपियों को पकड़ लिया .


पुलिस ने 37 आरोपियों को जेल भेज दिया और 3 को रिमांड पर लिया है, मुकेश जोशी केरू में कम्प्यूटर की दुकान चलाता है वह जोधपुर के लक्ष्मी नगर का रहने वाला है ,दूसरा सुरेश थोरी आरएएस परीक्षा की तैयारी कर रहा है और तीसरा आरोपी प्रवीण विश्नोई ,जो सुरेश के माध्यम से मुकेश से जुड़ा, उसने पेपर उपलब्ध करवाने का जिम्मा लिया था.


उदयपुर में डमी अभ्यर्थी को पकड़ा, पेपर लीक में पहले पकड़े गए सुरेश बिश्नोई ने 5 लाख में कराया था सौदा, हिरणमगरी थाना पुलिस ने रविवार को परीक्षा देने से पहले एक डमी अभ्यर्थी को पकड़ा. पकड़े गए डमी अभ्यर्थी सेवड़ी बागोड़ा,जैलोर निवासी किशनराम  के झाड़ोल निवासी संजय की जगह परीक्षा देने आया था. पुलिस ने जब आधार कार्ड की जांच की तो जांच में पकड़ा गया. दोनों को पेपर लीक मामले में पहले पकड़े जा चुके आरोपी सुरेश बिश्नोई ने मिलवाया था, सौदा 5 लाख रु. में तय हुआ था. पुलिस सुरेश बिश्नोई की तलाश कर रही है.