जोधपुरः ओसियां में गगाड़ी पीएचसी में स्टाफ का टोंटा, भवन की चमक पर बट्टा लगा रही ये कमी, टीकाकरण पर रुकावट
राजस्थान सरकार एक तरफ चिकित्सा सेवाएं बेहतर करने का दावा करती है, उसके उलट ग्रामीण क्षेत्रों में काफी जगह स्वास्थ्य केंद्रों पर स्टाफ के पद रिक्त पड़े हैं, ऐसे में आमजन को परेशानी झेलनी पड़ती है.
ओसियां: सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलकर ग्रामीणों को प्राथमिक उपचार की सुविधा मुहैया कराने का दावा भले ही करे, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जनस्वास्थ्य सेवाओं के लिए मुहैया कराई गई सुविधाएं पंगु दिखाई दे रही हैं. जन स्वास्थ्य को लेकर गगाड़ी में पीएचसी बने तीन साल हो गए हैं.
इसे संचालित भी कर दिया, लेकिन संचालित होने के बाद से आजतक लगातार संसाधनों और स्टाफ का टोंटा चल रहा है. इस पीएचसी के अंतर्गत जेलू, मांलूंगा, संतोड़ा खुर्द, संतोड़ा कला, देवनगर, तेजानगर, बड़ा कोटेचा, बिजरिया बावड़ी, रामगढ़, ताजनगर गांवों सहित एक दर्जन गांव आते हैं.
पीएचसी के अंतर्गत आने वाले सब सेंटर्स के ऊपर 30 हजार लोगों की स्वास्थ्य सेवाओं का भार है. लेकिन पीएचसी के सभी पद रिक्त हैं, मीडिया ने पिछले दिनों प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी, तो उसी दिन 2 नर्सिंग कर्मचारियों को लगाया गया.
पर कुछ दिन बाद दोनों का ट्रांसफर हो गया. अब केवल एमओ रामप्रकाश बिश्नोई और सिनियर नर्सिंग स्टाफ मांगाराम चौधरी के भरोसे है. ग्रामीणों क्षेत्र की महिलाओं और छोटे बच्चों के टीकाकरण के लिए एएनएम तक का पद रिक्त है. प्रत्येक गुरुवार को टीकाकरण के लिये आ रही महिलाओं को निराश हाथ लगती है. इतने बड़े क्षेत्र होने के कारण महिलाओं के ममता कार्ड और उनके टीकाकरण तक का कार्य ही लम्बे समय से असुविधाजनक बना हुआ है.
ये पद हैं रिक्त
गगाड़ी पीएचसी पर फार्मासिस्ट, लेब टैक्नीशियन, लेब असिस्टेंट, मेल नर्स -2 एएनएम व जीएनएम व एलएचवी सहित सभी पद रिक्त है. मरीजों की प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बात करें तो ये अधूरी है. स्थानीय निवासी हीराराम खोत का कहना है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्टाफ नही होने से लोगों को हर दिन निराश होना पड़ रहा है. पीएचसी के अलावा आसपास कोई अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं होने से लोगों में चिंता हैं.
स्टाफ सहित संसाधनों का अभाव
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च करके अस्पतालों का निर्माण तो करा दिया. लेकिन स्टाफ के अभाव के साथ साथ संसाधनों के अभाव में ग्रामीण अस्पताल खुद ही बीमार हो गए हैं. गांवों में स्थित इन अस्पतालों की सुध लेने वाला कोई नहीं. आम जनता को इनसे कोई लाभ नहीं मिल रहा.
गगाड़ी सरपंच लूणी देवी ने बताया कि पीएचसी पर स्टाफ का चयन राज्य सरकार के द्वारा किया जाता है, स्टाफ को लेकर ग्रामीणों की लम्बे समय से मांग है. ओसियां बीसीएमओ डॉक्टर नेहा चौधरी से बात की तो बताया कि गगाड़ी पीएचसी के वर्तमान में स्टाफ के बारे में सीएमएचओ को आवगत करवा दिया है,
जल्दी ही स्टाफ की व्यवस्था करवा दी जाएगी, महिलाओं की सुविधा के लिए अतिरिक जिम्मेदारी दी जाएगी. उपखण्ड अधिकारी राजकेश मीणा ने बताया कि मुझे आज ही स्टाफ के अभाव के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है, सीएमएचओ को आवगत करवा कर स्टाफ की व्यवस्था की जाएगी.
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