Jodhpur : जोधपुर के कोसाना गांव का रहने वाला धर्मेंद्र बिश्नोई 2019 में अपने भाई के साथ ही सेना में शामिल हुआ था. धर्मेंद्र के परिवार ने नौकरी लगने के बाद से ही अपने लाडले के लड़की ढूंढनी शुरू कर दी थी. 6 महीने पहले धर्मेंद्र विश्नोई की शादी भी हो गई थी. 


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सेना की सेवा में छुट्टियां कम ही मिलती है, ऐसे में वो ड्यूटी पर वापस चला गया. परिवार के लोगों ने सोचा था इस बार जब दिवाली पर बेटा घर आएगा तो सभी नाते रिश्तेदारों को बुलाकर एक बड़ा प्रोग्राम किया जाए.  इसी को लेकर 18 अक्टूबर को धर्मेंद्र गांव आने वाला था. लेकिन ये अनहोनी हो गयी.



ड्यूटी के दौरान असम के सिलीगुड़ी में हुए एक सड़क हादसे में धर्मेंद्र विश्नोई शहीद हो गया. शहीद की पार्थिव देह गांव पहुंची तो हर किसी की आंख नम दिखी. परिवार का रो रोकर बुरा हाल था तो वहीं गांव की दुकानों बंद कर दी गयी और घरों में चूल्हा नहीं चला.


जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन पर सेना के जवानों ने शहीद धर्मेंद्र को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद यहां से 60 किमी दूर उनके गांव कोसाना के लिए पार्थिव शरीर को रवाना किया गया. धर्मेंद्र एयरफोर्स की 4 राज एयर स्कॉड्रन के कैडेट भी रह चुके हैं. धर्मेंद्र विश्नोई के निधन पर आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल, पूर्व सांसद जसवंतसिंह विश्नोई समेत कई जनप्रतिनिधियों ने भी शोक जताया है.


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