Sardarpura: नगर निगम उत्तर द्वारा रुपायन संस्थान के सहयोग से चल रहे प्राचीन जल स्त्रोत नवलखा बावड़ी उम्मेद उद्यान के पुनरुद्धार के कार्यों का महापौर उत्तर कुन्ती देवड़ा परिहार ने निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. महापौर कुन्ती परिहार को रूईपायन संस्थान के आर्किटेक्ट अनु मृदुल ने बताया कि नगरनिगम उत्तर से उक्त बावड़ी के अनुबंध करने के बाद रूपायन संस्थान ने हिंदुजा समूह के सहयोग से इस बावड़ी की सफाई और जीर्णोधार का कार्य आरंभ किया गया है. 


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बावड़ी को नगर निगम एवम जलदाय विभाग के सहयोग से खाली करवाया गया और इसके भीतर से मलबा एवम कचरा बाहर निकाला गया. साथ ही बावड़ी की दीवारों पर कचरे की मोटी सख्त परत को सावधानी पूर्वक बिना पत्थर को नुकसान पहुंचाते हुए साफ भी कराया गया. उन्होंने बताया कि बावड़ी की दीवारों की मूल तरीके से ही चुने के गारे से टीपे की गई और भीतर के टूटे हुए खम्बों और पाटो को पुनः दुरस्त कर स्थापित किया गया. पूर्ण रूप से टूट चुके पाटो और खम्बों को उसी प्रकार से लाल पत्थर में गढ़ कर नया लगाया गया है. 


उन्होंने बताया कि अब तक बावड़ी के सफाई और जीर्णोधार पर 25 लाख रुपए खर्च किए जा चुके हैं. महापौर कुन्ती देवड़ा परिहार ने बावड़ी के विकास की अगली योजना की भी जानकारी ली, जिसमें बावड़ी को पुराने मूल स्वरूप में लाते हुए एम्पीथेटर का रूप दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि उम्मेद उद्यान की सफाई व्यवस्था के निगम प्रभारी अताउल्लाह को इस बावड़ी और इसके आसपास के क्षेत्र की नियमित सफाई व्यवस्था करने के निर्देश दिए. इस अवसर पर अधीक्षण अभियंता पी एस तंवर, सहायक अभियंता नितेश चौधरी भी मौजूद थे.


Reporter: Arun Harsh


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