Phalodi, Jodhpur News: राजस्थान सहित देश भर में फलोदी का सट्टा बाजार यानि की आंकलन बाजार हमेशा ही चर्चा में रहा है लेकिन आज आजादी के बाद पहली बार फलोदी के बाजार का ना तो भाव है, ना ही कोई शोर, देश में जम्मू कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा के चुनाव हैं, ऐसे में ना केवल आमजन बल्कि राजनीतिक पार्टियां और मीडिया भी फलोदी के आंकलन बाजार के भाव का इंतजार कर रहे हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


ज़ी मीडिया ने जब आंकलन बाजार में चुनावों को लेकर चर्चा की तो सामने आया कि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान जिस तरह से पुलिस ने वहां कार्रवाई की थी, उसके बाद से ही पूरा बाजार बंद हो गया. जहां कभी हथाई और चर्चाएं होती थी और देश के हर मुद्दे पर यहां से आंकलन किया जाता था, जो करीब करीब सत्य के आस पास रहता था लेकिन अब ना तो यहा कोई चर्चा है ना ही हथाई. 



लम्बे समय से यह बाजार बंद पड़ा है लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया है. जम्मू कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव आने पर लोगों ने बाजार से भाव जानने का प्रयास किया तो यहा पर भाव बताने वाला भी कोई नहीं मिला. दबी जुबान से बस यही सुनने को मिला कि पुलिस ने जो कार्रवाई की उसके बाद बाजार खुले ही नहीं. ऐसे में देश के आमजन और राजनीतिक दलो के लिए अब उतार-चढ़ाव कौन बताएगा. 


फलोदी के बाजार को रहनुमा की आवश्यकता है, जो एक बार फिर से इस बाजार को शुरू करवा सके ताकि ना केवल देश की जनता के लिए भाव मिले बल्कि बाजार की रौनक भी लौटा सके.


पढ़ें जोधपुर की एक और खबर


Jodhpur News: उम्मीद के साथ भारत आए पाक विस्थापितों के खिले चेहरे, इतने सालों बाद मिली भारतीय नागरिकता


Jodhpur News: राजस्थान के जोधपुर में पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यक समाज के लोग लंबी प्रताड़ना और दर्द के बाद एक उमंग लेकर भारत पहुंच तो गए, लेकिन भारत पहुंचने के बाद भी पिछले 10-15 सालों से मूलभूत सुविधाओं के साथ नागरिकता के लिए लंबा संघर्ष करने वाले पाक विस्थापितों के चेहरे आज उस समय खिल गए.


जब मेडिकल कॉलेज सभागार में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में शिविर लगाकर 378 निवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई. नागरिकता प्राप्त करने वालों ने कहा कि हां आज मुझे गर्व है कि मैं भारत की बेटी बन गई. अब मुझे न केवल शिक्षा मिलेगी बल्कि हर सुविधा का में लाभ प्राप्त कर सकूंगी. 



मैं भारत में वोट देने के साथ ही मूलभूत सुविधाएं भी प्राप्त कर सकती हूं. मुझे खुशी है कि मैं भारत जैसे देश की बेटी बनी इस लोकतंत्र का हिस्सा बन रही हूं. पढ़-लिखकर न केवल अपने परिवार बल्कि देश का नाम रोशन करने का भी प्रयास करूंगी. यह कहानी केवल चंपाबाई इंदिरा या कलावती की नहीं बल्कि 100 वर्षीय प्यारी देवी से भी यही सुनने को मिला कि अब मेरे पोता-पोती पढ़ लिख सकेंगे क्योंकि उन्हें आज नागरिकता मिली है.



राजस्थान की ताज़ा ख़बरों के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Rajasthan News और पाएं Latest Rajasthan News हर पल की जानकारी। राजस्थान की हर खबर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!