पीपाड़: एडीजे कोर्ट खोलने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना, मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी
जिले के पीपाड़ सिटी बार एसोसिएशन द्वारा न्यायिक कार्यों का बहिष्कार, अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया गया. गांव की नजदीकी पीपाड़ सिटी होने के बावजूद बिलाड़ा न्यायालय में केवल फौजदारी क्षेत्राधिकार निर्धारित किया गया, जिससे आमजन को परेशानी उठानी पड़ेगी.
जोधपुर: जिले के पीपाड़ सिटी बार एसोसिएशन द्वारा न्यायिक कार्यों का बहिष्कार, अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया गया. गांव की नजदीकी पीपाड़ सिटी होने के बावजूद बिलाड़ा न्यायालय में केवल फौजदारी क्षेत्राधिकार निर्धारित किया गया, जिससे आमजन को परेशानी उठानी पड़ेगी. उक्त गांव के निवासियों को न्याय के लिए पीपाड़ में कोर्ट होने के बावजूद बिलाड़ा जाना पड़ेगा. इसलिए आमजन को सस्ता सुलभ न्याय मिल सके वह भौगोलिक दृष्टि से पीपाड़ शहर न्यायालय उचित होने से अपनी उचित मांगों के लिए बार संघ पीपाड़ द्वारा अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया गया है.
कोर्ट बिलाड़ा करने से वकीलों समेत लोगों में नाराजगी
बार संघ पीपाड़ द्वारा सीजेएम व जिला न्यायधीश से पीपाड़ शहर तहसील के सभी गांवो का फौजदारी क्षेत्राधिकार पीपाड़ स्थित न्यायालयों में करने की मांग की गई. साथ ही पीपाड़ में एडीजे कोर्ट खोलने की भी मांग रखी गई. बार संघ अध्यक्ष मंसूर अली छीपा ने बताया कि नवसृजित पुलिस थाना कापरड़ा में पुलिस थाना पीपाड़ के ग्राम हिंघानिया कुछ खोखरिया विष्णु नगर बेनण चौढा को सम्मिलित किया गया और इन गांवों का पूर्व में न्यायिक क्षेत्र अधिकार एसीजेएम न्यायालय पीपाड़ शहर के पास था, जिसे अब न्यायिक मजिस्ट्रेट बिलाड़ा कर दिया गया, जबकि इन गांवों के लिए पीपाड़ शहर न्यायालय महज आठ से 10 किलोमीटर दूरी पर है. वहीं, इन गांवो का पंचायत समिति मुख्यालय, उपखंड मुख्यालय, तहसील कार्यालय, जिला परिवहन कार्यालय पीपाड़ सिटी है.
साथ ही इन गांवों का राजस्व एवं सिविल क्षेत्राधिकार भी पीपाड़ है. इन सभी तथ्यों से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जोधपुर व जिला न्यायाधीश जोधपुर जिला को क्षेत्राधिकार निर्धारित करने से पूर्व दो बार इन गांव की भौगोलिक स्थिति से वह पूर्व के क्षेत्र अधिकारों से अवगत करवाया गया था.
बार संघ ने कार्यों का किया बहिष्कार
उक्त धरने पर बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता विजय प्रकाश ओझा, गुमानाराम चौधरी, हिम्मताराम गहलोत, मधुसुधन डूडी, जगदीश प्रसाद दवे, ओमप्रकाश कच्छावाह, मोहम्मद फारुख सिंधी, संग्रामसिंह चौहान, गोविंद चौधरी, अब्दुल सलीम सहित अन्य अधिवक्ता उपस्थित थे. सभी अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया. बार संघ के समर्थन में स्टांप वेंडर, टाइपिस्ट ने भी कार्य का बहिष्कार किया.
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