Rajasthan Tourism: राजस्थान की हर बात निराली है. यहां की मिट्टी की खुशबू ही कुछ और है. राजस्थान का इतिहास भी काफी खास रहा है. यहां पृथ्वीराज चौहान और महाराणा प्रताप से लेकर कई वीर योद्धा हुए. जिन्होंने मातृ भूमि प्रेम के लिए अपने प्राण तक त्याग दिए.आज राजस्थान के इतिहास के बारे में ही आपको जानकारी देते हैं लेकि आज बात करते हैं जोधपुर शहर की.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा नगर जोधपुर को ही कहा गया है. इतिहासकारों की माने तो 12 मई, 1459 ई.राव जोधा ने आधुनिक जोधपुर शहर की स्थापना की. जोधपुर शहर पर्यटन के लिहाज से भी काफी खास है यहां रेगिस्तान के साथ शानदार महल, दुर्ग और मन्दिर आपको देखने को मिल जाते हैं.


सूर्य नगरी है दूसरा नाम


जोधपुर शहर को सूर्य नगरी भी कहा जाता है. वहीं इसे नीली नगरी भी कहा जाता है क्योंकि  मेहरानगढ़ दुर्ग को घेरे हुए हजारों नीले मकान हैं. जोधपुर विश्व के अति विशेष आवास स्थानों (मोस्ट एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी प्लेसेज ऑफ द वर्ल्ड)साल 2014 की लिस्ट में प्रथम स्थान पर रहा.जोधपर में बिखरे वैभवशाली महल, किले और मंदिर, शहर के ऐतिहासिक गौरव और महत्व को जीवंत कर रहे हैं. इतना ही नहीं उत्कृष्ट हस्तकलाएं लोक नृत्य, संगीत  में जोधपुर शहर किसी पहचान का मोहताज नहीं है.


एक से बढ़कर एक घूमने की जगह


मेहरानगढ़ किला


15 वीं शताब्दी से भारतीय वास्तुकला का चमत्कार जोधपुर में स्थित मेहरानगढ़ किला रहा है.  1,200 एकड़ के क्षेत्र में ये किला है. साथ ही ये किला पहाड़ी की चोटी पर है. जहां से आस-पास का नजारा और भी खास दिखाई देता है. बताया जाता है कि इसे राजपूत शासक राव जोधा ने ही बनवाया. मेहरानगढ़ किला के अंदर की नक्काशी देखते ही बनती है. यहां आपको इतिहास के बारे में कई चीजें और जानने को मिलेंगी.


जसवंत थडा


जसवंत थडा महाराजा सरदार सिंह को समर्पित स्मारक है जो 1899 में बनाया गया. नक्काशीदार खिड़कियां और वास्तुकला पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं. यहां आपको कई राजपूत शासकों के चित्र भी देखने को मिल जाएंगे.


कायलाना झील


ये झील जोधपुर की खास झील है. यहां आप अपने परिवार के साथ पिकनिक मनाने भी जा सकते हैं. इस झील को 1872 में शासक प्रताप सिंह के अधीन बनाया गया. जोधपुर के लोगों के ये झील पहले पीने के पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत हुआ करती थी. आप अगर झील जाते हैं तो  यहां सैर का आनंद भी उठा सकते हैं. प्रवासी पक्षी भी सर्दियों में यहां आते हैं.


इसके अलावा भी जोधपुर में राय का बाग पैलेस,बालसमंद झील,रानीसर और पदमसर झील,मंडोर गार्डन,घंटा घर,उमैर हेरिटेज आर्ट स्कूल, उम्मेद भवन पैलेस संग्रहालय, तूरजी का झालरा (तूरजी की बावड़ी) के साथ अन्य जगहों पर भी जा सकते हैं.


वहीं जोधपुर के बाजार में आप खरीददारी भी कर सकते हैं. राजस्थान की संस्कृति से जुड़ी कई चीजें आपको जोधपुर के बाजार में मिल जाएंगी. इतना ही नहीं राजस्थान के जोधपुर में आप जा रहे हैं तो यहां का मिर्ची वड़ा, मावे की कचौरी और दाल-बाटी खाना मत भूलिएगा.