Jodhpur: जिले के लूणी में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स जोधपुर में दो दिवसीय बायोसेफ्टी और बायो सिक्योरिटी पर विजिट टू बीचएल पर सेमिनार का आयोजन किया गया. इस सेमिनार में देश-विदेश से आये डॉक्टरों ने भाग लिया. सेमिनार के दौरान बताया कि ऑपरेशन के दौरान और ऑपरेशन के बाद कैसे मरीज का इलाज किया जाता है, जिससे ऑपरेशन के दौरान कैसे मैनेजमेंट किया जाता है, उनकी देखभाल कैसे करनी चाहिए इन सब के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई.


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सेमिनार में बताया गया कि डॉक्टर को एक मरीज का इलाज करना चाहिए, जो खून बह रहा है संभावित संक्रमण से बचने के लिए आपको दस्ताने का उपयोग करना होगा, इस तरह यह रक्त के सीधे संपर्क में नहीं आता है तो दूसरी ओर रोगी को एक स्वच्छ वातावरण में इलाज किया जाना चाहिए. कोई भी रोगजनक उसके घाव में प्रवेश न करें, वही कार्य में उपयोग किए जाने वाले धुंध और कांटन्स को भी जैव विविधता की देखभाल के लिए उचित स्थान पर निपटाया जाना चाहिए. प्रत्येक बीमारी की घातकता की डिग्री के अनुसार शास्त्रों में पहचाना जाता है, सबसे पहले संक्रामक एजेंट एक व्यस्क के लिए बीमारियों का कारण भी बन सकते हैं, वही दूसरे में जो एक व्यस्क को बीमार कर सकते हैं और इसके अलावा विभिन्न प्रकार के संक्रमण का कारण बन सकते हैं, तीसरा स्तर विदेशी एजेंटों को कवर करता है जो एरोसोल द्वारा प्रेषित हो सकते हैं और गंभीर या घातक बीमारियों का कारण बन सकते हैं.


सेमिनार के दौरान विशेष डॉक्टरों ने बायोसेफ्टी और बायोसिक्योरिटी पर विभिन्न गतिविधियों में शामिल सभी लोगों को ध्यान रखना चाहिए. इस सेमिनार के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले 20 से अधिक डॉक्टरों को सम्मानित किया गया है.


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