जोधपुर: शहर के सटीक कॉलोनिया में मुख्य सड़क पर आवारा पशुओं की भरमार होने से लोग खासे परेशान हो रहे हैं.  मुख्य मार्ग हो या वार्डों की गलियां हर जगह आवारा पशु विचरण करते नजर आते हैं. इन बेखौफ आवारा पशुओं की लड़ाई में राहगीरों के चपेट में आनेे के साथ ही आवागमन भी बाधित होता है. खास कर बुजुर्गों एवं बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन इन सब के बीच जोधपुर नगर निगम दक्षिण का दायरा आता है वहीं दूसरी तरफ पंचायत समिति लूणी का भी दायरा आता है.देखने वाली बात तो यह है कि इन आवारा जानवरों की समस्या से निपटने के लिए कोई खास कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.


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इन दिनों आवारा पशुओं की भरमार होने से लोग खासे परेशान हो रहे हैं.वहीं मुख्य मार्ग हो या वार्डों की गलियां हर जगह आवारा पशु विचरण करते नजर आते हैं.  इन बेखौफ आवारा पशुओं की लड़ाई में राहगीरों के चपेट में आनेे के साथ ही आवागमन भी बाधित होता है.खास कर बुजुर्गों एवं बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन इन सब के बीच नगर निगम इन आवारा जानवरों की समस्या से निपटने के लिए कोई खास कवायद करती नजर नहीं आ रही है.बात पशुपालक की जाये तो पशु पालक जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो बछड़े को आवारा गलियों मेें छोड़ देते हैं.ये बछड़ेे सडक़ों पर फलों के छिलके व सड़ी-गली सब्जियां खाकर यही इधर-उधर मुंह मारते फिरते रहते हैं.शहर या गांव में भी सब्जियों की दुकाने पर इन मवेशियों का इतना खौफ है कि लोग बेहद चौकन्ने होकर ही सब्जी मंडी का रुख करते हैं.थोड़ी सी नजर हटते ही ये या तो सामान का थैला छीन लेते हैं या फिर पीछे से सींग मारते हैं ,


लोगों को हो रही परेशानी


आवारा पशुओं के आतंक से राहगीर व स्थानीय निवासी ही परेशान नही हैं बल्कि ये स्वयं भी आए दिन वाहन दुर्घटना की चपेट में गिरकर चोटिल होते रहते हैं.वहीं स्थानीय लोगों ने कई बार नगर निगम और पंचायत को भी आवारा पशुओं के बारे में जानकारी अवगत कराने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही हैं.ऐसे में आए दिन आवारा पशुओं का आतंक होने से आमजन को चलना मुश्किल हो गया है.