Jodhpur News : जोधपुर में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के उपभोक्ता के खाते से  गलत तरीके से निकाली  गई राशि पर बैंक प्रबंधन ने खाताधारक की ही गलती मानते हुए 3 दिन के अंदर शिकायत नहीं करने पर उसके खाते से निकली राशि लौटाने से इनकार कर दिया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इससे परेशान खाताधारक गोपाल सेन ने लोक अदालत में गुहार लगाई तो अदालत ने बैंक को राशि लौटाने को कहा. इस आदेश के खिलाफ बैंक प्रबंधन ने जस्थान हाई कोर्ट में गुहार लगाई. गोपाल सेन की ओर से एडवोकेट निखिल भंडारी ने पैरवी की. अधिवक्ता निखिल भंडारी ने बताया कि बैंक खाताधारी के खाते से एटीएम में से कई बार में अवैध व्यक्तियों द्वारा थोड़े-थोड़े करके कुल 72 हजार 500 रूपये निकाल दिए गए थे, जिसकी शिकायत खाताधारी गोपाल सैन ने बैंक को 1 सप्ताह के अंदर कर दी थी.


फिर भी बैंक ने अपनी गलती मानने से इंकार करके उसकी शिकायत खारिज कर दी. तब गोपाल सैन ने स्थायी लोक अदालत, उदयपुर में मुकदमा दायर कर उसके एटीएम से निकले रूपयों के लिए बैंक को जवाबदार ठहराने और निकाले गए रूपये उसके खाते में बैंक द्वारा जमा कराने की मांग की थी. जिसे स्थायी लोक अदालत, उदयपुर ने स्वीकार कर लिया था. उसके खिलाफ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर में रिट याचिका दायर कर स्थायी लोक अदालत के फैसले को खारिज करने की मांग की थी.


जिसे हाईकोर्ट  मुख्य पीठ जोधपुर के न्यायाधीश जस्टिस विजय विश्नोई ने खारिज कर बैंक को ग्राहक के खाते से अवैध रूप से निकाले गए 72 हजार 500 रूपये पुनः जमा कराने के आदेश दिए. एडवोकेट निखिल भण्डारी ने राजस्थान हाईकोर्ट के इस फैसले को बैंक उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने वाला वो अवैध रूप से उनके खातों से अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा रूपये निकाल लिए जाने पर बैंक को उत्तरदायी ठहराने के फैसले को न्याय की दृष्टि से उचित और बढ़िया बताया.


रिपोर्टर- भवानी भाटी


जयपुर रेलवे कबाड़ से करेगा कमाई, स्टेशन भी होगा स्क्रैप फ्री