पालवास में कबाड़ से आविष्कार करने वाले वैज्ञानिक का करणी माता मंदिर में किया सम्मान
ग्रामीण वैज्ञानिक गणपत सिंह जोधपुर से दिल्ली पैदल मार्च कर प्रधानमंत्री को सुपुर्द करेंगे अपने 13 इनोवेशन. शुक्रवार को वह पालवास गांव पहुंचे.
Jodhpur: रोडे जी की ढाणी, कोलू पाबूजी के ग्रामीण युवा गणपत सिंह की यात्रा आज सीकर के पालवास पहुची. यहां ग्रामीणों ने गणपत सिंह का स्वागत सम्मान किया गया. गणपत सिंह ने बताया कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के युवाओं से इनोवेशन करने, नए-नए आविष्कार करने और मेड इन इंडिया जैसे संदेश से प्रभावित होकर उन्होंने कबाड़ से आविष्कार किये हैं. उन्होंने कबाड़ और अन्य तकनीकी संसाधन खरीद कर कुछ नया करने की ठानी. लगातार 22 महीनों के बाद 13 आविष्कार किए, जो भारतीय सेना सहित अन्य क्षेत्रों में उपयोगी सिद्ध होंगे. इनमें मानव रहित सेना के लिए बनाया गया रोबोट भी है, जो दुश्मनों का आसानी से टारगेट कर सकता है.
बोरवेल में आए दिन छोटे बच्चों की गिरने की समस्याओ को ध्यान में रखते हुए एक ऐसा रोबोट बनाया है जो आधे घंटे में बोरवेल में गिरे बच्चे को सकुशल वापस निकाल सकता है. दूरदराज इलाकों में रहने वाले आम लोगों, विशेषकर सेना के जवानों के लिए 1 लीटर पानी से लगभग 1 महीने तक लाइट प्रदान करने वाली बैटरी का आविष्कार भी किया है.
इसके अलावा प्लास्टिक पॉलीथिन मुक्त भारत सहित 13 आविष्कार किए हैं. इन्हीं आविष्कार को पैदल यात्रा कर दिल्ली पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने दल के साथ इन आविष्कारों को सुपुर्द करेंगे. गौरतलब है कि 11 अगस्त को अपने गांव से पैदल रवाना होकर यह युवा वैज्ञानिक अपने दल के साथ 650 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर माह के अंतिम सप्ताह में दिल्ली पहुंच कर प्रधानमंत्री मोदी को अपने आविष्कार सुपुर्द करेंगे. यह यात्रा शुक्रवार को पालवास गांव पहुंची. यहां एडवोकेट हनुमान सिंह पालवास के नेतृत्व में लोगों ने करणी माता मंदिर में गणपत सिंह का स्वागत किया.
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