Sawan 2023 : सावन में भगवान शिव शंकर के सबसे शक्तिशाली महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है. ऐसे में हिंदू धर्म के अनुसार इस मंत्र के जाप के समय इन सावधानियों को ध्यान में रखें. ताकि भगवान भोलेनाथ की कृपा दृष्टि आप पर बनी रहें और आपकी मनोकामना पूरी हो.


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सबसे शक्तिशाली मंत्र
ऋग्वेद का महामृत्युंजय मंत्र सबसे शक्तिशाली मंत्र माना जाता है. जो हमारे मन और शरीर को प्रभावित करता है. भगवान शिव को बेहद प्रिय ये मंत्र नकारात्मक विचारों और ऊर्जा से रक्षा करता है. 


महामृत्युंजय मंत्र
ओम त्र्यंबकम यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम
उर्वारुकमिव बंधनान मृत्योर मुक्षीय मामृतात्


महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ
मंत्र का अर्थ है, "आइए हम भगवान शिव की पूजा करें, जो पवित्र हैं और सभी प्राणियों का पोषण करते हैं. जिस तरह एक पका हुआ खीरा प्राकृतिक रूप से पौधे से निकलता है, उसी तरह हम सभी को मृत्यु से मुक्ति मिले और हमें हमारी अमर प्रकृति प्रदान की जाए.


माना जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से कर्म शुद्ध हो जाते हैं और अमरता प्राप्त होती है. ये मंत्र परिवार को मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक चुनौतियों से बचाता है.जो लोग इस मंत्र का जप करते हैं उन्हे लंबा, स्वस्थ जीवन मिलता है.


महामृत्युंजय मंत्र को भगवान शिव का सबसे शक्तिशाली मंत्र माना जाता है.जिसके जप से डर पर विजय मिलती है. यह मंत्र व्यक्ति को स्वास्थ्य समस्याओं और अचानक मृत्यु से बचाता है. इसे मोक्ष मंत्र के रूप में भी जाना जाता है और इसका जाप करने से व्यक्ति को देवत्व से जुड़ने में मदद मिल सकती है.


मंत्र का जाप आपके जीवन में शांति और खुशी लाने में मदद करता है. महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से कुंडली के दोष दूर हो जाते हैं. साथ ही लंबी बीमारी से पीड़ित लोगों को महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए क्योंकि ये दीर्घायु प्रदान करता है और अकाल मृत्यु को रोकता है.


मंत्र में उपचारकारी शक्तियां हैं जो भक्त को मृत्यु और पुनर्जन्म से मुक्त कराती हैं. अगर नकारात्मक सपने आपको सोने नहीं देते तो बिस्तर पर जाने से पहले इस शक्तिशाली मंत्र का जाप करें.


ऐसे करें महामृत्युंजय मंत्र का जाप
मंत्र जाप के लिए सुबह-सुबह स्नान करने के बाद सबसे अच्छा समय माना जाता है. इसे ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 बजे से 6 बजे) के दौरान करना शुभ माना जाता है. मंत्र जाप के लिए रुद्राक्ष माला का उपयोग करना सबसे अच्छा तरीका है क्योंकि रुद्राक्ष स्वयं भगवान शिव का प्रतिनिधित्व करता है. दिन में कम से कम पांच बार मंत्र का जाप करें.


मंत्र जाप से पहले आपका मन शांत होना चाहिए. मंत्र पढ़ते समय अपने सामने भगवान शिव की मूर्ति या तस्वीर रखें, अगर इससे आपको ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है. महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय पूर्व दिशा की ओर मुख होना चाहिए.


जब मंत्र का जाप पूरा हो जाए तो हमेशा पांच मिनट तक बैठें और ध्यान करें. अपनी आंखे बंद ही रखें. ऐसा करने पर आपको एक सुरक्षात्मक ऊर्जा का प्रभाव अपने आस पास दिखेगा. 


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