Hartalika Teej : सुहागिनों का त्योहार हरतालिका तीज आज मनाया जा रहा है. आज मां पार्वती और भगवान शिव की आराधना कर अखंड सौभाग्य की प्राप्ति की कामना की जाती है. वहीं कुवांरी कन्याएं अच्छे वर की कामना के साथ ये व्रत करती हैं.


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लेकिन पहली बार ये व्रत कर रही महिलाओं के लिए ये इस व्रत के नियमों को जानना बेहद जरूरी है. वरना व्रत का फल नहीं मिलता है. हरतालिका तीज की की पूजा के समय भगवान शिव शंकर और माता पार्वती के साथ ही गणेश जी की भू पूजा की जाती है.


व्रत कर रही महिलाओं को स्नान में तिल और आंवले का चूर्ण मिलाकर स्नान करना चाहिए और फिर साफ कपड़े पहन कर आटे से चौक पूरकर केले का मंडप तैयार करना चाहिए. इसके बाद गणेश, शिव पार्वती बनाकर पूर्व की तरफ मुंह करके व्रत का संकल्प लेने के साथ ही अपनी मनोकामना बतानी चाहिए.


सबसे पहले गणेश जी को दूर्वा अर्पित की जाती है.फिर भगवान शिव को फूल-बेलपत्र और शमिपत्र अर्पित कर मां पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करना चाहिए. अब इन तीनों देवताओं को वस्त अनुसार वस्त्र अर्पित कर हरतालिका तीज की व्रत कथा को सुना जाता है और बाद में आरती की जाती है.


मां पार्वती की आरती 
ब्रह्मा सनातन देवी, शुभ फल की दाता जय पार्वती माता
अरिकुल कंटक नासनि, निज सेवक त्राता,जगजननी जगदम्बा, हरिहर गुण गाता !!जय पार्वती माता


सिंह को वहान साजे, कुंडल है साथा,देव वधू जस गावत, नृत्य करत ता था ,जय पार्वती माता
सतयुग रूप शील अतिसुंदर, नाम सती कहलाता, हेमाचंल घर जन्मी, सखियाँ संगराता -जय पार्वती माता


शुम्भ निशुम्भ विदारे, हेमाचंल स्थाता,सहस्त्र भुजा तनु धरिके, चक्र लियो हाथा .जय पार्वती माता
सृष्टि रूप तुही है जननी, शिव संग रंगराता, नन्दी भृंगी बीन लही, सारा जग मदमाता , जय पार्वती माता


देवन अरज करत हम, चरण ध्यान लाता,तेरी कृपा रहे तो, मन नहीं भरमाता ,जय पार्वती माता
मैया जी की आरती, भक्ति भाव से जो नर गाता, नित्य सुखी रह करके, सुख संपत्ति पाता, जय पार्वती माता,जय पार्वती माता, जय पार्वती माता,


ब्रह्मा सनातन देवी, शुभ फल की दाता !! जय पार्वती माता