Jyotish Tips: देशभर में सोमवार को शिवलिंग की विशेष पूजा की जाती है और भक्त शिव जी को प्रिय चीजें अर्पित करते हैं, जिससे उनकी कृपा भक्तों पर हमेशा बनी रही. 


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भगवान शिव की प्रिय चीजों में से एक बेलपत्र है, जिसे बिल्वपत्र के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू धर्म में शिवलिंग पर  बेलपत्र चढ़ाने के कुछ खास नियम बताए गए हैं, जिसकी पालना हर भक्त को करनी चाहिए. 


शिवलिंग पर ना करें इस तरह के बेलपत्र अर्पित 
शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए बेलपत्र चुनते हुए इस बात का ध्यान रखें कि  बेलपत्र कहीं से भी कटा-फटा ना हो. इसके साथ ही बेलपत्र पर अधिक धारियां भी नही होनी चाहिए. बेलपत्र के कई पत्तों पर चक्र और धारियां होती हैं, जिनको पूजा में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. चक्र और वज्र वाले बेलपत्र को खंडित माना जाता है. 


इस दिन कभी ना तोड़े बेलपत्र
हिंदू धर्म में बेलपत्र को तोड़ने के कई नियम बताए गए हैं, जिसके मुताबिक, सोमवार या  चतुर्दशी को बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए. कहा जाता है कि सोमवार और चतुर्दशी तिथि को बेलपत्र तोड़कर चढ़ाने से भगवान शिव गुस्सा होते हैं. 


इस तरह चढ़ाएं शिवलिंग 
शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए एक साफ और पवित्र बेलपत्र लें, जिसकी पत्तियां ताजी हों. इसको शिवलिंग पर चढ़ाते वक्त ध्यान रखें कि बेलपत्र का जो भाग चिकना हो, उस भाग को शिवलिंग के ऊपर रखें. इसके साथ ही शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते वक्त 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करें. 


3 पत्र वाला हो बेलपत्र
बेलपत्र 1 3 या फिर 5 पत्र वाला होता है. हिंदू धर्म में कहा जाता है कि बेलपत्र जितने अधिक पत्र वाला होता है, उतना ही शुभ माना जाता है. ऐसे में शिवलिंग पर कम से कम 3 पत्र वाला बेलपत्र चढ़ाएं. 


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(डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी है, जिसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है)