Adhik Maas Tulsi Puja: अधिक मास चल रहे हैं जो 16 अगस्त तक रहेगे. सावन में चल रहे अधिकमास में महादेव शिव शंकर के साथ ही विष्णु कृपा भी प्राप्त की जा सकती है. इस समय तुलसी की पूजा का करने पर दोगुना फल की प्राप्ति होती है और जीवन के कष्ट दूर हो जाते हैं.


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वैदिक ज्योतिष के अनुसार तुलसी के ये उपाय मलमास में करने से मनोकामना पूरी होती है और शुभ फल की प्राप्ति होती है. तुलसी के इन उपायों के बारे में पद्म पुराण में भी लिखा गया है. एक श्लोक के माध्यम से इसे समझा जा सकता है.


श्लोक-
या दृष्टा निखिलाघसंघशमनी स्पृष्टा वपुष्पावनी।रोगाणामभिवन्दिता निरसनी सिक्तान्तकत्रासिनी।।
प्रत्यासत्तिविधायिनी भगवतः कृष्णस्य संरोपिता।न्यस्ता तच्चरणे विमुक्तिफलदा तस्यै तुलस्यै नमः।।


अर्थ-
तुलसी के दर्शन करने मात्र से सभी पापों का नाश और सपर्श करने से शरीर पवित्र हो जाता है और  तुलसी को रोजाना प्रणाम करने से रोगों से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही जल अर्पित करने से यमराज का डर खत्म हो जाता है. तुलसी के पौधे को बोने से भगवान कृष्ण की निकटता मिलती है साथ ही भगवान के चरणों में मोक्ष की प्राप्ति होती है.


तुलसी के उपाय
अधिक मास में प्रतिदिन सुबह स्नान आदि करने के बाद जल अवश्य अर्पित करना चाहिए. लेकिन रविवार और एकादशी के दिन तुलसी पर जल न चढ़ाएं. जल अर्पित करते समय  ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः:’ मंत्र का जाप जरूर करें. अधिक मास के दौरान रोजाना स्नान के पानी में तुलसी की पत्तियां डालकर नहाना लाभकारी होता है. ऐस करने से विष्णु जी की असीम कृपा मिलती है. नियमित रूप से शाम के समय तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाना चाहिए. इससे सुख-समृद्धि मिलती है. अधिक मास में भगवान विष्णु को भोग लगाते समय तुलसी दल जरूर चढ़ाएं. तुलसी पूजन करने के बाद तुलसी के पौधे की परिक्रमा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. अधिक मास के दौरान तुलसी के पौधे में लाल रंग की चुनरी अर्पित ये आपके घर को  सुख-समृद्धि, धन-संपदा का आशीर्वाद देती है.