Makar Sankranti 2024: लोहड़ी सिख और पंजाबी समुदाय के लोगों के मुख्य त्योहारों में से एक है. यह पर्व मकर संक्रांति से ठीक एक दिन पहले मनाया जाता है. हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार, इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी और लोहड़ी 14 जनवरी को मनाई जाएगी. इस दिन रात के समय लोग आग जलाते हैं और उसके चारों तरफ पंजाब के पारंपरिक गीतों पर थिरकते हैं. आग में गजक, रेवड़ी और तिल गुड़ डालकर खुशियां मनाते हैं. खासकर नवविवाहित जोड़ों के लिए, तो ये बेहद महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है, लेकिन क्या आपको इसके पीछे की वजह पता है? अगर नहीं, तो आइए हम बताते हैं? 


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नवविवाहित जोड़ों के लिए लोहड़ी का महत्व 
नए शादीशुदा जोड़े के लिए पहली लोहड़ी बहुत खास मानी जाती है. इस दिन उनके विशेष आयोजन किया जाता है, जिसमें दोस्तों और रिश्तेदारों को भी बुलाया जाता है. लोहड़ी की रात खूब नाच-गाना, बजाना और मस्ती होती है. वहीं, नवविवाहित जोड़े इस रात जलाई जाने वाली पवित्र अग्नि की 7 बार परिक्रमा करते हैं. इसके बाद सभी लोग नए जोड़े को खुशहाल जीवन का आशीर्वाद देते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से पति-पत्नी के रिश्ते को किसी की नजर नहीं लगती और संतान सुख की प्राप्ति होती है. 


लोहड़ी की परंपरा से जुड़ी पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार राजा दक्ष ने एक भव्य यज्ञ का आयोजन किया, जिसमें सभी देवी-देवताओं को आने का निमंत्रण भेजा. लेकिन अपनी पुत्री सती और उसके पति भगवान शिव को आमंत्रित नहीं किया. सती से ये देखा नहीं गया और वो भगवान शिव के मना करने के बाद भी यज्ञ में पहुंच गईं. उनके इस तरह आने के बाद पिता दक्ष ने भगवान शिव और सती का खूब अपमान किया, जिसके कारण क्रोध में आकर वो यज्ञ की अग्नि में कूद गई. ​इसके बाद अगले जन्म में जब देवी सती ने फिर से दक्ष की पुत्री बनकर पार्वती के रूप में जन्म​ लिया, तो दक्ष ने अपनी पिछली भूल का प्रायश्चित करने के लिए लोहड़ी के दिन अपनी पुत्री को उपहार भेजे और उनके शादीशुदा जीवन में खुशहाली की कामना की. कहते हैं कि तभी से यह पर्व नए शादीशुदा जोड़ों के लिए बेहद खास माना जाता है. 


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