Mauni Amavasya 2024 : प्रत्येक वर्ष माघ माह की अमावस्या के दिन मौनी अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान और दान पुण्य करके पितृदोष से मुक्ति पायी जा सकती है. इस बार मौनी अमावस्या 9 फरवरी को है. लेकिन इन भूल से भी इन गलतियों से दूर रहना चाहिए.


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हिंदू शास्त्रों में बताया गया है कि मौनी अमावस्या के दिन अगर प्रयागराज के संगम में स्नान किया जाए तो शुभ फलों की प्राप्ति होती है. माना जाता है कि माघ माह में देवतागण प्रयागराज आकर अदृश्य रूप से संगम पर ही स्नान करते हैं. इस दिन किया गया स्नान, दान, जप और तप-ध्यान 100 गुना फलदायी होता है.


ये ही नहीं मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. लेकिन क्या आपको बता है की मौनी अवस्या के दिन क्या नहीं करना चाहिए. चलिए हम आपको बताते हैं, वो गलतियां जो मौनी अमावस्या पर करने से आपको कष्टों का सामना करना पड़ सकता है.


मौनी अमावस्या के दिन किसी को भी कटु वचन ना बोलें और ना ही किसी के बारे में बुरा सोचें. मौनी अमावस्या के दिन खुद की इंद्रियों पर संयम रखें और बुरे विचारों का त्याग करें. प्रयागराज जाना संभव ना हो तो पास की किसी पवित्र नदी में स्नान करें या फिर बाल्टी में गंगाजल की कुछ बूंदे डाल कर पितरों से आशीर्वाद मांगे.


मौनी अमावस्या के दिन सूर्य को जल अर्पित किया जाता है. इसके लिए तांबे के लोटे में फूल-रोली-गुडृ-अक्षत जल लेकर सूर्यदेव को अर्पित करें. इस दिन दान का विशेष महत्व है. अपनी सामर्थ्य के अनुसार कंबल,दूध,चीनी,काला तिल या धन दान किया जा सकता है.


चीटियों का आटे में चीनी मिलाकर खिलायी जाती है, इससे परिवार के सदस्यों पर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है. पीपल के पेड़ को जल अर्पित करके और दीपक जलाकर. पेड़ की परिक्रमा की जाती है. ताकि पितृ दोष से मुक्ति मिलें.


मौनी अमावस्या के दिन का बीज मंत्र बोलने से पितृदोष से मुक्ति मिल जाती है. ये बीज मंत्र 108 बार जपना होगा. ये बीज मंत्र है- ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि, शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्


(डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी है, जिसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है)