सुुंदरकांड का पाठ करने वाले न करें ये गलतियां, नाराज हो सकते बजरंगबली!
Rules of Reading Sunderkand Path: ज्यादातर घरों में हनुमान जी की पूजा जरूर की जाती है. सुबह के समय जब भी लोग पूजा-अर्चना करते हैं तो उसमें सुंदरकांड का पाठ अवश्य करते हैं. कहते हैं कि जो लोग सुबह सवेरे सच्चे मन से सुंदरकांड का पाठ करते हैं, उन पर भगवान हनुमान जी की विशेष कृपा बनी रहती है लेकिन सुंदरकांड का पाठ करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना बहुत ज्यादा जरूरी माना जाता है.
राम, माता सीता या फिर हनुमान जी की मूर्ति
ध्यान रखें जब भी कभी सुंदरकांड का पाठ कर रहे हो तो उससे पहले आपके मंदिर में प्रभु श्री राम, माता सीता या फिर हनुमान जी की मूर्ति अवश्य होनी चाहिए.
हल्के रंग के ही कपड़े पहनें
सुंदरकांड का पाठ करने से पहले हमेशा स्नान जरूर कर लें. इसके बाद साफ-सुथरा और हल्के रंग के ही कपड़े पहनें. हो सके तो खाली पेट सुंदरकांड का पाठ करें.
लाल कपड़े में लपेट कर रखें
जब भी सुंदरकांड का पाठ कर लें, इसके बाद उसे लाल कपड़े में लपेट कर रखें. इसके बाद श्रद्धा भाव से किताब को नमन करें और उसे शुद्ध और सुरक्षित स्नान स्थान पर रखें.
श्री राम की वंदना कर सुंदरकांड का पाठ
जब भी कभी सुंदरकांड का पाठ शुरू करें, हमेशा श्री गणेश का ध्यान अवश्य करें और उनकी पूजा भी करें. गणेश जी के बाद पितरों और फिर प्रभु श्री राम की वंदना कर सुंदरकांड का पाठ शुरू करें.
भगवान श्री राम की आरती
सुंदरकांड का पाठ कर लेने के बाद भगवान श्री राम की आरती अवश्य करनी चाहिए और फिर हनुमान जी की आरती करनी चाहिए.
मंगलवार और शनिवार के दिन
हिंदू धर्म में सुंदरकांड का पाठ मंगलवार और शनिवार के दिन करना बेहद फलदाई माना गया है.
ब्रह्म मुहूर्त में ही करें
हो सके तो सुंदरकांड का पाठ सुबह 4 से 6 बजे के बीच यानी कि ब्रह्म मुहूर्त में ही करें. ऐसा करना काफी उत्तम माना गया है.
(डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी है, जिसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है)