शनि जयंती कब है ? जानें सही तिथि, महूर्त और पूजा विधि
Shani Jayanti 2024 : हिंदू पंचांग में वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन शनि जयंती मनायी जाती है. मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव और माता छात्रा के पुत्र शनि देव का जन्म हुआ था. जिन्हे कर्मफल दाता और न्याय का देवता कहा गया है. जब किसी जातक की कुंडली में शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या होती है तो कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
Shani Jayanti 2024 : हिंदू पंचांग में वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन शनि जयंती मनायी जाती है. मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव और माता छात्रा के पुत्र शनि देव का जन्म हुआ था. जिन्हे कर्मफल दाता और न्याय का देवता कहा गया है. जब किसी जातक की कुंडली में शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या होती है तो कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
ऐसे में शनि जयंती शनिदेव को प्रसन्न करने का उचित दिन है. इस बार ज्येष्ठ मास की शनि जयंती 2024 की तिथि 6 जून है तो वहीं इस बार वैशाख माह की शनि जयंती 7 मई 2024 को थी. जो 8 मई 2024 को सुबह 8:15 बजे तक मनायी गयी. चलिए बताते हैं आपको शनि जयंती 2024 का शुभ मुहुर्त और पूजा विधि क्या है.
शनि जयंती 2024 का महत्व
शनि जयंती 2024 के दिन शनिदेव की विधिवत पूजा के साथ ही व्रत किया जाता है. अगर किसी जातक की कुंडली में शनि दोष है या फिर शनि कमजोर है तो शनि जयंती के दिन व्रत करके भगवान शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करें.
साथ ही इस दिन काले तिल,नीले फूल और शमी के पत्ते भी अर्पित करना ना भूलें.
शनि जयंती 2024 पूजा विधि
शनि जयंती 2024 के दिन स्नान के बाद नीले रंग के व्रत पहनें और शनि मंदिर जाएं. इसके साथ शनि को सरसों के तेल के अलावा शमी की पत्तियां और अपराजिता के नीले फूल बहुत पसंद है. इसके बाद विधिवत आरती जरूर करनी चाहिए. हमेशा शनि देव को तेल चढ़ाने के दौरान या फिर कुछ अर्पित करते समय शनिदेव की आंखों में ना देखें.
शनिदोष से मुक्ति के उपाय
उड़द, सरसों का तेल, बादाम, जूते-चप्पल, कोयला, लोहा जैसे चीजों का दान करके आप शनिदोष से मुक्ति पा सकते हैं.
शनि बीज मंत्र
ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शन्यै नम:ऊं शं शनैश्चराय नम: मंत्र