Vastu Tips: वास्तुशास्त्र में घर में किस जगह पर क्या रखा जाए इसकी पूरी डिटेल दी गयी है. अग्नि-पृथ्वी-वायु-जल और प्रकाश ये पांच तत्व आपके घर की खुशहाली के लिए जरूरी हैं. ऐसे में वास्तु के अनुसार घर में पानी का स्थान कहा होना चाहिए चलिए आपको बताते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


वास्तुशास्त्र के अनुसार पानी का स्टोरेज कहां हो और किस दिशा में हो या फिर बोरिंग कहां किस दिशा में की जाएं, इसको लेकर भी वास्तुशास्त्र में नियम हैं. अगर वास्तु के इन नियमों का पालन किया जाए तो फिर घर में सुख शांति बनी रहती है. तो चलिए आपको बताते हैं वास्तु शास्त्र के कुछ घर में पानी को लेकर बताये गये नियम.



घर का ईशान कोण-
घर का कुआं, नल, बोरिंग,भूमिगत टैंक और हैंडपंप हमेशा ईशान कोण में होना चाहिए. ईशान के अलावा उत्तर-ईशान-पूर्व-पूर्व ईशान में भी जल का स्त्रोत हो सकता है. अगर जल का स्त्रोत सही दिशा में यानि की पूर्व या उत्तर दिशा में हो तो हमेशा सुख-समृद्धि और यश कीर्ति बनी रहती है.


हालांकि घरों में उत्तर-पूर्व दिशा में भी पाने के स्त्रोत बनाए जाते हैं. लेकिन ऐसा होने पर घर के मालिक को कई तरह का नुकसान हो सकता है. पानी की व्यवस्था अगर आप ईशान कोण में करेंगे तो ज्यादा फायदे में रहेंगे. वहीं अगर आप घर की छत पर पानी की टंकी रखने वाले हैं तो दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण या पश्चिम दिशा का प्रयोग करें ताकि ईशान कोण पर भार ना पड़ें.



हालांकि वास्तुशास्त्र में पश्चिम और दक्षिण दिशा में पानी का स्त्रोत अच्छा नहीं माना जाता है, लेकिन पानी जमा करने के लिए छत पर टैंक बना सकते हैं. वास्तु के अनुसार दक्षिण-पश्चिम दिशा को सबसे अच्छा बताया गया है और पश्चिम और दक्षिण दशा को मध्यम फलदायी कहा गया है.


(डिस्क्लेमर - ये लेख सामान्य जानकारी है, जिसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है)