Bageshwar Sarkar Marriage : MBBS की छात्रा शिवरंजनी तिवारी श्रीगंगोत्री धाम से बागेश्वार धाम तक सर पर गंगा जल का कलश लेकर पदयात्रा पर हैं. शिवरंजनी कहती हैं कि 16 जून को धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी ही उनके मन की बात को पढ़ेंगे.


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जब शिवरंजनी से पूछा गया कि वो बागेश्वर धाम पहुंचकर क्या करने वाली हैं तो उन्होंने कहा कि मुझे कुछ नहीं पता है. सब कुछ बालाजी को पता होता है और किस्मत का लिखा कोई बदल नहीं सकता है.


शिवरंजनी के अनुसार आजकल लोग नास्तिक होना गर्व का विषय समझने लगे हैं. हमें हमेशा बालाजी का साथ मिलता रहा है. सभी लोगों को सनातन धर्म पर गर्व होना चाहिए. आपको बता दें कि इस यात्रा में शिवरंजनी के साथ उनके भाई और पिता और कई अन्य लोग भी शामिल हैं.


शिवरंजनी तिवारी ने बताया कि 2021 से बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को फॉलो कर रही है. धीरेंद्र शास्त्री की पहली बार ही कथा सुनकर वो मंत्रमुग्ध हो गई थी. शिवरंजनी ने कहा कि वो भी भागवत कथा कहती हैं. 


शिवरंजनी ने कहा कि वो 4 साल की आयु से भजन गा रही हैं. अध्यात्म के प्रति उनका लगाव बचपन से ही रहा है. अभी वो एमबीबीएस कर रही है. वहीं, बागेश्वर सरकार के विवादों को लेकर शिवरंजनी का मानना है कि वो अंतर्यामी हैं. उनकी अलौकिक शक्ति पर संदेह करना गलत है. शिवरंजनी ने कहा कि हमारी पदयात्रा बहुत ही आनंददायी है. जिसमें अभी तक कोई रुकावट महसूस नहीं हुई.


अपनी यात्रा के दौरान शिवरंजनी तिवारी चित्रकूट में संतोषी अखाड़ा पहुंची और मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद लिया. संतोषी अखाड़ा के श्री महंत दास महाराज ने अनुसार विवाह संस्कार विधि का विधान है, लेकिन अगर शिवरंजनी इसी कामना के साथ पदयात्रा पर है तो उन्हे संत समाज का पूरा आशीर्वाद है.