Todabhim: पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना जन जागरुकता अभियान पहुंचा गांव-गांव ढांणी-ढांणी
जनसंपर्क के दौरान महिलाओं ने क्षेत्र में पानी की गंभीर समस्या से अवगत कराया और पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना बनाने की मांग केन्द्र सरकार से की है
Todabhim: पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना जन जागरुकता पोस्टर अभियान के तहत रविवार टोडाभीम क्षेत्र मे कार्यक्रम आयोजित किए गए. कांग्रेस सेवा दल प्रदेश महासचिव और पूर्व जिला परिषद सदस्य आरती मीना ने टोडाभीम विधानसभा क्षेत्र के लपावली, बरेडी, घाटरा, मूंडिया, सलेहपुरा गांवो मे जनसंपर्क पर लोगो को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के बारे मे जानकारी दी.
जनसंपर्क के दौरान महिलाओं ने क्षेत्र में पानी की गंभीर समस्या से अवगत कराया और पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना बनाने की मांग केन्द्र सरकार से की है, जिससे परियोजना समय से पूरी हो सके और परियोजना के तहत क्षेत्र के लोगों को चंबल का पानी समय से मिल सके. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना जन जागरुकता अभियान संयोजक आरती मीना ने बताया कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए उनके द्वारा गांव-गांव, ढांणी-ढांणी जाकर लोगों को जागरुक करने का प्रयास पिछले एक साल से किया जा रहा है.
इसी कडी में लोगों को जागरुक करने के लिए टोडाभीम विधानसभा क्षेत्र और आस पास के क्षेत्र में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने और चंबल का पानी लाने की मांग को लेकर जनसंपर्क किया जा रहा है. साथ ही क्षेत्र में पोस्टर चिपकाए जा रहे है.
राजस्थान के 13 जिलों के लोगों द्वारा पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग वर्षों से की जा रही है. इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा मिलने से परियोजना को पूर्ण करने के लिए 90% राशि केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी.
इसमें राजस्थान के 13 ज़िलों में पीने का पानी और 26 विभिन्न बड़ी एवं मध्यम परियोजनाओं के माध्यम से 2.8 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हेतु जल उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है. 13 ज़िलों में झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, करौली, अलवर, भरतपुर, दौसा और धौलपुर शामिल हैं.
Report- Ashish Chaturvedi
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