Karauli news: राजस्थान के करौली में आदिवासी मीणा महासभा के तत्वाधान में सोमवार को मणिपुर की घटना के विरोध में जिले भर में ज्ञापन सौंपा गया. करौली जिला मुख्यालय पर कलेक्टर, सपोटरा में नायब तहसीलदार और अन्य स्थानों पर एसडीएम व तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर मणिपुर की घटना का विरोध जताया. राष्ट्रपति के नाम सौंपे ज्ञापन में मणिपुर में शांति बहाली और उपद्रव की घटनाओं पर रोक लगाने की मांग की है. 


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प्रदेश मीडिया प्रभारी व युवा शाखा प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार, प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर मूंडरी ने बताया कि मणिपुर में लगभग 82 दिन से अपराध के सामने आने सोचने पर मजबूर हो गया है कि हमने कैसी केन्द्र सरकार चुनी है. जो 80 दिन तक सोती रही, जिसने कोई कार्रवाई नहीं की. मणिपुर सरकार भी इतने दिन से आंख मूंद कर अकर्मण्य बैठी रही, यह जंगल राज है, जहां इस तरह से सामूहिक घिनौने अपराध हो रहे हैं. जो सभ्य समाज में बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किए जा सकते, देश दुखी, स्तब्ध और आक्रोशित है. 


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सामूहिक दुष्कर्म, महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. केन्द्र और राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. पिछले ढाई महिनों से सबसे ज्यादा दंश महिलाओं को झेलना पड़ा है. रोज मणिपुर राज्य में लगभग 100 एफआईआर दर्ज हो रही हैं. अधिकांश महिला उत्पीड़न से सम्बंधित हैं. 3 मई से 28 जून तक ही 5960 एफआईआर दर्ज कराई गई हैं. सरकार पर गूंगी बहरी होने और नैतिकता को ताक पर रखने का आरोप लगाया है. 


राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंप कर तुरंत दरिंदों पर कार्रवाई करने, कठोर से कठोर दण्ड देने और नारी का मान-सम्मान, लज्जा की हिफाजत तथा त्वरित न्याय दिलाने की मांग की. ऐसा कठोर दण्ड दिलाने की मांग की है ताकि भविष्य में नारी की ओर किसी असामाजिक तत्व की आंख उठाकर देखने की हिम्मत न हो सके. इस दौरान अमर सिंह नीमरोठ, राम खिलाड़ी मीणा, गोरेलाल, कुंजीलाल, राजेश पहाड़ी कल्याण लाल मीणा सहित अन्य मौजूद रहे.