Karauli news: शहर में 17 करोड़ की लागत से हो रहा सड़क निर्माण अब लोगों के लिए बीमारी का सबब बनने लगा है.सड़क निर्माण के दौरान संवेदक द्वारा एक तो सड़क का निर्माण कछुआ चाल से किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर मापदंडों को दरकिनार किया जा रहा है जिससे शहर की सड़क पर उड़ती धूल से व्यापारियों के साथ आने जाने वाले लोग सांस के जरिए धूल को शरीर के अंदर ले रहे हैं.


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 बड़ी बात है की शहर के मुख्य चौराहों पर तैनात रहकर यातायात व्यवस्था को व्यवस्थित करने का काम करने वाले यातायात पुलिसकर्मी भी इसके शिकार हो रहे. सांस संबंधी बीमारी के कारण शहर के कई लोग व कई पुलिसकर्मी अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं. सार्वजनिक निर्माण विभाग हिण्डौन की ओर से करीब 17 करोड़ की लागत से 3.20 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण हिण्डौन के रेलवे स्टेशन ब्रिज से गौशाला तक जुलाई 2022 में प्रारंभ हुआ था, जिसे 20 मई 2023 तक पूरा करना था 


लेकिन ठेकेदार के साथ विभागीय अभियंताओं की ढिलाई के कारण अभी आधा भी पूरा नहीं हुआ.अभी तक महज 35 प्रतिशत कार्य पूरा हो पाया है.संवेदक ने एक तरफ की सड़क की खुदाई कर कच्चा कार्य (जीएसबी और पीसीसी ) तो कर दिया लेकिन उसके ऊपर सीसी सड़क नहीं बनाई है जिससे सड़क पर दिन भर वाहनों के आवागमन के कारण धूल के गुबार उड़ते रहते है.जबकि नियमनुसार जब तक सीसी सड़क का निर्माण नहीं होता है तब तक सड़क पर पानी का नियमित छिडक़ाब करना चाहिए 


जिससे धूल नहीं उड़े.लेकिन कई बार लोगों द्वारा शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती जिससे सड़क पर दिनभर धूल उड़ती है.यह धूल लोगों के शरीर में पहुंच सांस और सिलिकोसिस की बीमारी बना रही है.अस्पताल सूत्रों के अनुसार चिकित्सकों के पास प्रतिदिन रोगी सांस की समस्या लेकर पहुंच रहे हैं.धूल से बचने के लिए लोग अंगोछा या स्कार्फ बांधकर निकलते हैं।सड़क निर्माण के कारण शहर में पिछले 9 माह से वन-वे ट्रैफिक चल रहा है, जिससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ी हुई है.


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यातायात पुलिस ने शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए स्टेशन रोड़ पर चार प्वाइंट बना रखे हैं.चौपड़ सर्किल, बयाना मोड, तहसील मोड़ व अहिंसा सर्किल पर यातायात पुलिस कर्मी मुस्तैद रहते हैं.तेज धूप के बीच सड़क पर उड़ती धूल के कारण यातायात पुलिसकर्मी बीमार हो रहे हैं.यही हाल सड़क किनारे दुकानदारों और थड़ी व ठेला चालकों का है.लोगों का कहना है की यदि यही हाल रहा तो आने समय में मरीजों की संख्या और भी बढ़ सकती है.