करौली: करणपुर माता मंदिर में भक्तों को जमीन पर कंकड़ों में पड़ता है पूरी रात सोना
Sapotara, Karauli News: करौली की करणपुर वाली माता के मंदिर में भक्तों को अपनी जात लगवाने के लिए पूरी रात जमीन में ही कंकड़ों के बीच सोना पड़ता है. जानें पूरी माता की कहानी.
Sapotara, Karauli News: करौली जिला मुख्यालय से 60 किमी दूर चुंबकीय शक्ति के नाम से प्रसिद्ध करणपुर बाली गुमाणो के मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता की ज्योति के दर्शन कर रहे हैं. राजस्थान ,उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश सहित आस-पास के गांवों के लोगों ने माता के दर्शन कर माता से मन्नत मांगी.
श्रद्वालुओं का लगा रहा ताता
देवी के गोठिया राधेश्याम व घनश्याम भगत ने बताया कि वैशाख मास में लगने वाले मेले में छठे दिन ही भारी भीड़ होती है और अखंड ज्योति के दर्शन करने से मन को शांति मिलती है. इधर भोग प्रसाद, चूंडी और श्रंगार की दुकानों पर भी भीड़ देखने को मिली. वहीं, बीती रात निजी वाहनों से श्रद्वालुओं के आने का ताता लगा रहा.
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लोगों को नहीं है सर्प-बिच्छुओं का डर
करणपुर बाली गुमाणो माता के मेले में बड़ी दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और दर्शन करने के बाद वो किसी धर्मशालाओं में ऐसी,पंखा कूलर में रात नहीं बिताते बल्कि माता के मंदिर प्रांगण में जमीन में ही कंकडों के बीच रात भर सोते हैं. उन्हे ना तो गर्मी की चिंता और ना ही किसी सर्प-बिच्छुओं का डर सताता है. वो जमीन में ही जहां जगह मिल जाती है, वही रात गुजार लेते हैं.
बड़ी संख्या में पहुंच रहे श्रद्धालु
बताया जाता है कि श्रद्धालुओं की माता तभी जात मानती है तब भक्त माता के दरबार में दर्शन करने के बाद एक रात बिताकर जाता है. ऐसा बताते है कि माता के दर्शन करने के दौरान कोई भक्त माता के मंदिर को छोड़कर किसी रिश्तेदार के घर पहुंचकर रात को सोते हैं. अगर वह माता अपने भक्त की जात नहीं मानती है इसलिए भक्त मंदिर परिसर में ही रात बिताते हैं. मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं.
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