करौली: कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां जोरों पर, हजारों की संख्या में उमड़ेगे श्रद्धालु
करौली में मदन मोहन जी मंदिर मे विधि विधान से मदन मोहनजी की स्थापना करीब 273 वर्ष पूर्व माघ सुदी 2 विक्रम संवत 1805 तदनुसार 1748 ईस्वी को हुई.
Karauli: जन-जन के आराध्य मदन मोहन जी मंदिर में जन्माष्टमी के मौके पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ेगी. श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्थाओं को देखते हुए पुलिस, प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट द्वारा विभिन्न तैयारियां की जा रही है. मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तमाम इंतजाम किए गए हैं, जिनका जिला कलेक्टर अंकित कुमार, एसपी नारायण द्वारा जायजा लिया गया. साथ ही आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए.
यह भी पढ़ें- करौली: वृद्ध की हत्या के आरोप में तीसरा सगा भाई भी गिरफ्तार, जमीन के लिए ली थी जान
करौली में मदन मोहन जी मंदिर मे विधि विधान से मदन मोहनजी की स्थापना करीब 273 वर्ष पूर्व माघ सुदी 2 विक्रम संवत 1805 तदनुसार 1748 ईस्वी को हुई. करौली के राजा गोपाल सिंह द्वारा नवनिर्मित मंदिर के मध्य कक्ष में करौली के अतिथि के रूप में मदन मोहन जी की स्थापना की गई. वहीं बाए कक्ष में राधा जी और ललिता सखी को विराजमान किया गया. मंदिर में दाएं कक्ष में गोपाल जी की स्थापना हुई. सभी प्रतिमाओं का राजा गोपाल सिंह ने गौडिया संप्रदाय के गोस्वामी सुबलदास द्वारा परंपरागत रूप से अभिषेक और पूजन कार्य पूरा कराया, जिसके बाद से ही करौली शहर में मदन मोहन जी के दर्शनों की शुरुआत हुई.
वर्तमान समय में करौली के मदन मोहन जी के दर्शनों के लिए दूरदराज और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आना जाना रहता है. खासकर जन्माष्टमी के मौके पर मदन मोहन जी मंदिर में विशेष आयोजन किए जाते हैं. मदन मोहन जी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं के आने-जाने का सिलसिला शुरू हो जाता है, जो देर रात तक जारी रहता है. मदन मोहन जी मंदिर में विशेष आयोजन होते हैं. इस दौरान हजारों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट प्रशासन द्वारा विभिन्न इंतजाम किए जाते हैं. मदन मोहन जी मंदिर में जन्माष्टमी पर रात 12:00 बजे जन्म के दर्शन होते हैं. दर्शनों के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.
वहीं अगले दिन जन्मोत्सव मनाया जाता है, जिसमें मदन मोहन जी मंदिर के सोल ट्रस्टी और पूर्व नरेश कृष्ण चंद्र पाल छाक लुटाते हैं, जिसमें लड्डू मठरी पुए फल आदि श्रद्धालुओं में लुटाए जाते हैं. श्रद्धालुओं की भारी आवक को देखते हुए पुलिस प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट प्रशासन द्वारा इंतजामात किए जा रहे हैं और तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. मदन मोहन जी मंदिर में जिला कलेक्टर अंकित कुमार एसपी नारायण टोगस सहित अन्य अधिकारियों द्वारा भी निरीक्षण किया जा रहा है. साथ ही आवश्यक दिशा निर्देश मंदिर ट्रस्ट प्रशासन को दिए जा रहे हैं. जन्माष्टमी के मौके पर मदन मोहन जी मंदिर में पुरानी नगर पालिका के पास से श्रद्धालुओं को मंदिर में जाने की व्यवस्था की गई है. मंदिर के एक द्वार से श्रद्धालुओं को प्रवेश किया जाएगा, तो वहीं दूसरे द्वार से श्रद्धालुओं को बाहर निकाला जाएगा. इस दौरान मंदिर परिसर में रोशनी हवा पानी सहित अन्य व्यवस्थाए की गई है. वहीं आने और जाने वाले मार्ग पर भी रोशनी और सजावट की व्यवस्था की गई है.
मदन मोहन जी मंदिर में रेलिंग की व्यवस्था भी की गई है, जिसके चलते बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को शांतिपूर्ण तरीके से दर्शन कराए जा सके. वहीं जन्माष्टमी के दौरान रात को मंदिर की परिक्रमा बंद रहेगी, जिससे इस बार श्रद्धालुओं को झटका लगा है. जन्माष्टमी के मौके पर वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार मदन मोहन जी की 108 परिक्रमा लगाने की परंपरा चली आ रही है, लेकिन इस बार सुरक्षा व्यवस्थाओं चलते प्रशासन के निर्देश पर मंदिर ट्रस्ट प्रशासन द्वारा परिक्रमा मार्ग बंद किया गया है. इस दौरान पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी जन्माष्टमी के दिन सुरक्षा व्यवस्थाओं को संभालेंगे. पुलिस द्वारा मंदिर परिसर और बाहरी क्षेत्रों में जाब्ता तैनात किया जाएगा.
Reporter: Ashish Chaturvedi