karauli news: राजस्थान के करौली जिले में नई शिक्षा नीति 2020 को 3 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं. नई शिक्षा नीति का विजन है, 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुकूल व्यापक आधारित, लचीली बहु-विषयक शिक्षा के माध्यम से भारत को एक जीवंत ज्ञान समाज और वैश्विक महाशक्ति में बदलना. साथ ही प्रत्येक छात्र की अद्वितीय क्षमताओं को सामने लाना, रटने के बजाय आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देना, पढ़ाई के बजाय सीखने पर ध्यान केंद्रित करना और वैज्ञानिक स्वभाव को प्रोत्साहन देना है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

तीसरी वर्षगांठ पर करौली के केंद्रीय विद्यालय मे पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया. 21वीं सदी के भारत के लिए नई शिक्षा नीति का निर्माण किया गया. नई शिक्षा नीति के 3 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर केंद्रीय विद्यालय प्रधानाचार्य पवन सिंह द्वारा आयोजित पत्रकार वार्ता में जानकारी दी गई. इस अवसर पर डाइट प्राचार्य पुष्पेंद्र शर्मा, केंद्रीय विद्यालय प्रधानाचार्य पवन सिंह, मॉडल स्कूल प्रधानाचार्य धर्म सिंह मीणा, करौली राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रधानाचार्य महेश शर्मा सहित अन्य मौजूद रहे. 


यह भी पढ़ें-  राजस्थान पीटीईटी को लेकर बड़ा अपडेट, सीट आवंटन का रिजल्ट जल्द होगा जारी


इस अवसर पर पवन सिंह ने बताया कि नई शिक्षा नीति के माध्यम से छात्रों के समग्र विकास पर प्राथमिक ध्यान देने के साथ प्रयोगशाला कंप्यूटर इंटरनेट कनेक्टिविटी स्थाई भवनों और बुनियादी ढांचे का विकास करना है. नई शिक्षा नीति में एनी पी कार्यक्रम शामिल किए जिसमें प्लस 3, प्लस 4 हैं. इसमें 3 से 18 वर्ष तक की आयु तक शिक्षा अनिवार्य है. इसके साथ ही विभिन्न नए कार्यक्रम चलाए हैं. जिनमें निपुण, समझ और संख्यात्मक के साथ पढ़ने में दक्षता के लिए राष्ट्रीय पहल है. 


जो छात्रों की प्रगति पर नजर रखता है, इसके साथ ही बाल वाटिका भी चलाया जा रहा है. बाल वाटिकाओं में 5470 बच्चों को प्रवेश दिया है, इसके साथ ही विद्या प्रवेश, फाउंडेशनल स्टेज के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचा, कौशल विषय, हितधारक के रूप में माता-पिता को शामिल करना, शिक्षकों के लिए शैक्षणिक बदलाव और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किए हैं. इसके साथ ही विद्यांजलि पोर्टल का भी आरंभ किया है. नई शिक्षा नीति के तहत पीएम ई  विद्या कार्यक्रम शुरू किया है.


यह भी पढ़ें- गहलोत सरकार बिना गारंटी बांटेगी करोड़ों का बिजनेस लोन,अनुजा निगम हटाएगा गारंटर की शर्त


व्यापक पहल, शिक्षा तथा सुसंगत मल्टी मोड कार्यक्रम है, जिसमें डिजिटल, ऑनलाइन, ऑन एयर शिक्षा को एकीकृत करना है. शिक्षा के लिए वन नेशन वन डिजिटल प्लेटफार्म के रूप में दीक्षा कार्यक्रम है, इसके साथ ही छात्रों को बेहतर शिक्षा के लिए वातावरण उपलब्ध कराना भी शामिल है. केंद्रीय विद्यालय, भारत सरकार के अटल इन्नोवेशन मिशन के तहत 340 अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना की गई है. प्रत्येक ब्लाक स्तर पर एफएनएल शिविर नई शिक्षा नीति पर आधारित है.