Karauli News : ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के लिए गुरूवार को गांव कैमरी में 30 हजार से ज्यादा महिलाएं एकत्र हुईं और एकता का शंखनाद करते हुए चेतावनी दी कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं किया गया तो सरकार का सिंहासन हिला देंगी. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान विकास समिति के प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास मीना और मुख्य संयोजक रविन्द्र मीना के आव्हान पर एकत्र हुई महिलाओं ने ईआरसीपी नहीं तो वोट नहीं का भी एलान किया.  


किसानों के हितों पर राजनीति बर्दाश्त नहीं


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पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान विकास समिति के प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास मीना और प्रदेश मुख्य संयोजक रविन्द्र मीना की ओर से ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के लिए जनजागरण अभियान चलाया हुआ है. इसी अभियान के तहत गुरूवार को नादौती उपखंड के गांव कैमरी में महिला महाकुंभ आयोजित हुआ. इस महाकुंभ में उपस्थित महिलाओं की विशाल भीड को संबोधित करते हुए प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास मीना ने कहा कि पूर्वी राजस्थान के लोग दो सालों से ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के लिए बडा संघर्ष कर रहे हैं. अब इस संघर्ष में महिलाएं भी सहभागी होकर सरकार से जबाव मांगने लगी हैं. उन्होंने कहा कि महिला शक्ति के आगे सरकार को हर हाल में झुकना होगा और ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करना होगा. प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास मीना ने कहा कि पूर्वी राजस्थान में पानी के अभाव में हालात विकराल बने हुए हैं. इसके बाद भी राजनीतिक पार्टियां किसानों के हितों की चिंता करने के बजाय राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा कि किसानों के हितों पर राजनीति को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.


सरकार को झुकना ही होगा


महिला महाकुंभ को प्रदेश मुख्य संयोजक रविन्द्र मीना ने भी संबोधित करते हुए कहा कि महिला शक्ति अगर ठान ले तो कोई भी लक्ष्य अर्जित करना नामुमकिन नहीं है. पूर्वी राजस्थान की महिलाएं ईआसीपी के लिए जाग चुकी हैं. ऐसे में सरकार को महिलाओं की भावनाओं का आदर करते हुए ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर देना चाहिए. इस दौरान महिला प्रकोष्ठ की प्रदेशाध्यक्ष संगीता गुर्जर ने सभा का संचालन करते हुए कहा कि महिलाओं की ताकत के आगे सरकार को झुकना ही होगा. सभा को दौसा की जिलाध्यक्ष मौसम मीना, बांदीकुई की अध्यक्ष सरिता मीना और प्रदेश उपाध्यक्ष बीना मीना सहित कई महिलाओं ने भी संबोधित किया. इस दौरान प्रदेश संयोजक अमर सिंह नीमरोठ, प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश गुर्जर दांतकापुरा, प्रदेश मीडिया प्रभारी दीनदयाल सारस्वत, दौसा के छात्रसंघ अध्यक्ष संजय भंडाना, देवेन्द्र खटाना, आशीष अवाना, हिम्मत ताजपुर आदि ने भी विचार व्यक्त किए.  


ईआरसीपी के लिए विधानसभा में प्रतिनिधित्व जरूरी


महिला महाकुंभ में शामिल हजारों महिलाओं ने एक स्वर में कहा कि ईआरसीपी के मुददे पर राजस्थान के 25 सभी सांसद और पूर्वी राजस्थान के सभी 83 विधायक चुप्पी साधे हुए हैं. यहां तक कि कई विधायक तो ईआरसीपी के आंदोलन में बाधा पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं. महिलाओं ने कहा कि ईआरसीपी के लिए वकालात हेतु ईआरसीपी के प्रतिनिधि का विधानसभा और सांसद में पहुंचना आवश्यक है. इसके लिए 30 हजार से ज्यादा महिलाओं ने रामनिवास मीना को अपना प्रतिनिधि बताते हुए उनसे राजनीति में आने का आग्रह किया. इस पर रामनिवास मीना ने कहा कि राजनीति दो धारी तलवार है, जिस पर चलना बहुत मुश्किल कार्य है. वे जरूरमंद आमजन की सेवा करना अधिक पसंद करते हैं.  


महिलाओं का पुष्पवर्षा कर किया सम्मान


महिला महाकुंभ में शामिल हजारों महिलाओं का पुष्पवर्षा कर सम्मान किया गया. प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास मीना और प्रदेश मुख्य संयोजक रविन्द्र मीना अपनी टीम और कार्यकर्ताओं के साथ सभा स्थल पर पहुंचे तो महिलाओं ने रामनिवास मीना तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं और महिलाओं के सम्मान में, रामनिवास मीना मैदान में के नारे लगाए. बाद में मंच से रामनिवास मीना और रविन्द्र मीना ने महिलाओं पर पुष्पवर्षा की.  


सभा की शुरूआत में हुई चंबल की आरती


चंबल का पानी नहरों के माध्यम से खेतों तक लाने वाली ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के लिए आयोजित इस महिला महाकुंभ की शुरुआत चंबल माता की आरती कर की गई. उपस्थित महिलाओं ने खडे होकर चंबल माता की आरती की. इसके लिए मंच पर चंबल माता की बडी तस्वीर भी लगाई गई. महिलाओं का कहना रहा कि सरकार को चेतावनी देने के साथ चंबल के पानी के लिए चंबल माता की आराधना भी आवश्यक है. इस दौरान जगदीश भगवान की भी विधिवत पूजा अर्चना कर आरती की गई.


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