Baran: जलाऊ लकड़ी के नाम पर हरनावदाशाहजी पहाड़ी क्षेत्र के जंगलों में फल-फूल रहे हरे पेड़ों की रोजाना हो रही कटाई के बावजूद वन विभाग की सख्ती नजर नहीं आ रही है. वन विभाग अपने काम में मशगूल नजर आता है, उसी की आड़ में महिलाए चुपचाप जंगलों का सफाया करने पर तुली हैं. कभी कभार छोटी मोटी कार्रवाई कर खानापूर्ति करता है.


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हरनावदाशाहजी के जंगल में लकड़ी काटकर ला रही करीब आधा दर्जन महिलाओं के समूह को सूचना के बाद हरकत में आई वन विभाग की टीम ने रास्ते में रोक लिया और काटी गई लकड़ियां जब्त कर ली. 


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पुलिस ने जब्त की सारी लकड़ियां
छीपाबड़ौद मार्ग स्थित माताजी डूंगरी के समीप की पहाड़ियों से सटे जंगल क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से महिलाएं लकड़ियां काटकर सिर पर मोळी बांधकर ला रही थी. सूचना मिलने पर लोगों ने वन विभाग के स्थानीय कर्मचारियों एवं उच्चाधिकारियों को दी. सूचना पर स्थानीय नाका पर कार्यरत वनकर्मी रिंकू मीणा एवं सारथल नाका के महेश मीणा, रामप्रसाद लोधा एवं अन्य सहयोगियों ने माताजी डूंगरी के पिछवाडे पहुंचकर इन अवैध कटाई करके लकड़ियां ला रही महिलाओं को रास्ते में जा रोका. उसके बाद सभी को नाके तक ले जाकर गठरियां जब्त करके इनको आगे से पेड़ों की कटाई नहीं करने के लिए पाबंद किया. साथ ही आगे से दोबारा पकड़े जाने पर जुर्माने की कार्रवाई की चेतावनी भी दी. 


धड़ल्ले से हो रही कटाई
वन क्षेत्र में जलाऊ लकड़ी के नाम पर पेड़ों की कटाई करने के लिए ज्यादातर महिलाएं ही जाती हैं. आधा से एक दर्जन के झुंड में ये महिलाएं सूखे पेड़ों को काटती है लेकिन उसी की आड़ में हरे पेड़ों को भी काटकर छोड़ आती हैं. फिर दो चार दिन बाद सूखने पर उसकी गठरी में बांधकर ले आती हैं ताकि कोई पकड़ने आए तो उसे सूखी लकड़ियां बताकर बचने का बहाना कर लें. 


उल्लेखनीय है कि कस्बे के पूर्व से लेकर उत्तरी छोर तक लम्बा पहाड़ी क्षेत्र फैला हुआ है, जिस पर जंगल है. विभिन्न प्रजातियों के पेड़-पौधे दिनों दिन जलाऊ लकड़ी के नाम पर अवैध कटाई की भेंट चढ़ते जा रहे हैं, जिससे पहाड़ियां बेनूर होने लगी हैं.


Reporter- Ram Mehta