सांगोद की सड़कों पर जरा संभलकर चलें, मवेशियों के जमावड़े से वाहन चालक एवं राहगीरों को हो रही भारी परेशानी
सांगोद नगर पालिका द्वारा गोशाला संचालन के बाद ढाई सौ से अधिक आवारा पशुओं की धरपकड़ कर उन्हें गोशाला में तो भिजवा दिया, लेकिन गोशाला संचालन की सूचना के बाद इससे ज्यादा पशुओं को आसपास के गांवों के ग्रामीण सांगोद लाकर छोड़ गए.
Sangod: यहां सड़कों से लेकर गलियों में आवारा भटकते पशुओं की समस्या से लोगों को निजात दिलाने एवं आवारा पशुओं के संरक्षण को लेकर नगर पालिका ने गोशाला का संचालन तो शुरू कर दिया, लेकिन लोगों की समस्या अब भी जस की तस है. हालत यह है कि अब भी यहां सड़कों एवं गलियों पर आवारा पशु लोगों की परेशानी बढ़ा रहे हैं. नगर पालिका द्वारा गोशाला संचालन के बाद ढाई सौ से अधिक आवारा पशुओं की धरपकड़ कर उन्हें गोशाला में तो भिजवा दिया, लेकिन गोशाला संचालन की सूचना के बाद इससे ज्यादा पशुओं को आसपास के गांवों के ग्रामीण सांगोद लाकर छोड़ गए. ऐसे में शहर में आवारा पशुओं की संख्या अब भी कम नहीं हुई.
सड़कें और गलियां पशुओं की आरामगाह बनी
उल्लेखनीय है कि इन दिनों शहर की अधिकांश मुख्य मार्गों की सड़कें और गलियां पशुओं की आरामगाह बनी हुई है. जगह-जगह आवारा पशुओं के झूंड सड़कों पर जमे नजर आते है. शहर के अंदरूनी गलियों की हालत भी कुछ ऐसी ही है. ऐसे में गली व सड़कों से गुजरते वाहन चालक एवं राहगीरों को भी परेशानी होती है हालांकि नगर पालिका ने शहर में आवारा पशुओं की धरपकड़ कर उन्हें गोशाला में पहुंचाया, लेकिन पशुओं की संख्या अब भी कम नहीं हुई.
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शहर में छोड़ गए लावारिस
आवारा पशुओं की समस्या गांवों में भी कम नहीं है. आवारा पशु गांवों में खेतों में घुसकर फसलों को नुकसान पहुंचाते है. ऐसे में सांगोद शहर में गोशाला संचालन की जानकारी लगने के बाद क्षेत्र के कई गांवों के ग्रामीण गांवों में भटकते आवारा पशुओं को एकत्रित कर सांगोद लाकर छोड़ गए. यहां पूर्व में संचालित दो गोशालाओं में पहले से क्षमता से अधिक पशु है वहीं नगर पालिका की गोशाला में भी फिलहाल व्यवस्था पर्याप्त नहीं है. ऐसे में गांवों से लावारिस छोड़कर गए पशु अब शहर की सड़कों और गलियों में भटकने को मजबूर है.
नगर पालिका की गोशाला में ढाई सौ से अधिक पशुओं का संरक्षण शुरू कर दिया है. यहां थोड़ी कमियां नजर आई है, जिसमें जल्द सुधार करवाकर अन्य पशुओं को भी यहां रखने के प्रयास किए जाएंगे.