गर्जना रैली में शामिल होंगे 550 जिलों के किसान, कोटा और उदयपुर से जाएंगी 1000 बसें
Kota News: भारतीय किसान संघ की ओर से 19 दिसंबर को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान गर्जना रैली आयोजित की जाएगी. जिसमें देशभर के 550 जिलों से किसान दिल्ली में हुंकार भरेंगे. इस दौरान हाड़ौती से भी 500 और चित्तौड़ प्रांत से 1 हजार बसें दिल्ली पहुंचेंगी.
Kota: भारतीय किसान संघ की ओर से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 19 दिसंबर को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान गर्जना रैली आयोजित की जाएगी. जिसमें देशभर के 550 जिलों से किसान दिल्ली में हुंकार भरेंगे. इस दौरान हाड़ौती से भी 500 और चित्तौड़ प्रांत से 1 हजार बसें दिल्ली पहुंचेंगी. यह जानकारी गुरुवार को आयोजित प्रेसवार्ता में भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने दी. इस दौरान आंदोलन के पोस्टर का विमोचन भी किया गया.
भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य कैलाश गेंदोलिया, प्रदेश मंत्री जगदीश कलमंडा, प्रांत अध्यक्ष शंकरलाल, प्रांत प्रचार प्रमुख व मीडिया प्रभारी आशीष मेहता, जिलाध्यक्ष गिरिराज चौधरी, प्रचार प्रमुख रूपनारायण यादव, कोषाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण शर्मा मीडिया से रूबरू हुए.
उन्होंने बताया कि देशभर के किसान फसलों के लाभकारी मूल्य की मांग को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में जुटेंगे. लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ अपने स्थापना काल से ही आंदोलन कर रहा है. सरकारों के द्वारा इस दिशा में किए गए प्रयास किसान की दुर्दशा के मुकाबले नाकाफी हैं. इसलिए अब देशभर में भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ता ग्राम जनसंपर्क करते हुए 19 दिसंबर को दिल्ली में लाखों की संख्या में किसान गर्जना रैली में शामिल होकर अपने अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करेंगे.
उन्होंने बताया कि भारतीय किसान संघ फसलों के लाभकारी मूल्य की बात करता है, लेकिन एमएसपी के खिलाफ नहीं है. भारतीय किसान संघ के अनुसार एमएसपी फसल का लाभकारी मूल्य नहीं है. लाभकारी मूल्य मिले बिना किसान का भला नहीं हो सकता है किसानों को अपने उत्पादों की इनपुट क्रेडिट नहीं मिल रही है, इसलिए कृषि आदानों पर जीएसटी समाप्त किया जाना चाहिए.
दूसरा कृषि आदान में मुद्रास्फीति वृद्धि के अनुपात में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाई जानी चाहिए. महंगाई के अनुपात में डीए, भत्ता, इंक्रीमेंट बढ़ता है तो किसान निधि भी सम्मानजनक ही मिलना चाहिए .जीएम सरसों के पक्ष में जो भी बातें बताई जा रही हैं, वे विदेशों में किए गए शोध पर आधारित हैं. भारत में इन पर कोई शोध नहीं हुआ है. ऐसे में जीएम सरसों को भारत में अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.जिलाध्यक्ष ने बताया कि कोटा जिले में किसानों में दिल्ली जाने के लिए उत्साह है. विभिन्न गांवों में पीले चावल देकर किसानों को आमंत्रित किया जा रहा है.
सूखी खाद्य सामग्री लेकर जाएंगे
उन्होंने बताया कि किसान गर्जना रैली को लेकर व्यापक रणनीति तैयार की गई है. हर गाँव और ढाणी में किसानों से संपर्क और जनजागरण किया जा रहा है. गांवों, कस्बों में रथ, रैलियां और जुलूस निकालकर लोगों को लाभकारी मूल्य के बारे में बता रहे हैं. रैली में चित्तौड़ प्रांत के कोटा, अजमेर और उदयपुर संभाग से 1 हजार बसें जाएंगी. इस दौरान सभी किसान सूखी खाद्य सामग्री लेकर पहुंचेंगे. बड़ी संख्या में महिला किसान भी रैली के लिए पंजीयन करा रही हैं. साथ ही, उद्यमी, व्यापारी, मजदूर, कर्मचारी हर वर्ग का जन समर्थन आंदोलन को मिल रहा है.
आंदोलन की प्रमुख मांगें
लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य का लागू कर इसको मिलना सुनिश्चित किया जाए.
सभी प्रकार के कृषि जिन्सों पर जीएसटी समाप्त हो.
किसान सम्मान निधि में पर्याप्त बढोतरी की जाए.
जीएम सरसों को अनुमति न दी जाए.
नदी जोड़ो परियोजना को प्राथमिकता दी जाए
पूर्वी नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर शीघ्र क्रियान्विति सुनिश्चित हो.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का सरलीकरण हो और दो वर्ष से लंबित मुआवजा शीघ्र जारी हो.
आधारित लाभकारी मूल्य की अवधारणा
सरकार द्वारा घोषित एमसपी में खेती के लिए खाद, बीज, सिंचाई समेत अन्य खर्च की लागत के साथ अकुशल श्रमिक के लिए निर्धारित दैनिक आय को जोड़ा जाता है. भारतीय किसान संघ एमएसपी में कुशल उद्यमी की आय जोड़ने की मांग रहा है. किसान संघ की लाभकारी मूल्य की अवधारणा में कृषि खर्च में स्थाई संसााधन (जैसे ट्यूबेल, पंप, सिंचाई उपकरण, बुवाई उपकरण, हार्वेस्टिंग मशीनरी सहित विभिन्न संशाधनों) का ह्रास मूल्य, खेत के किराए, लागत के ब्याज को जोड़कर उसमें 50 फीसदी लाभांश जोड़कर लाभकारी मूल्य की घोषणा की बात की जाती है.
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