Kota: कोटा में लगातार बड़े बांधों से पानी की भारी निकासी के बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर हैं. कलेक्टर ओपी बुनकर ने एसपी केसरसिंह शेखावत के साथ हालातों का रिव्यू किया हैं और एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आर्मी और नगर निगम, यूआईटी अधिकारियों के साथ बचाव-राहत अभियान और आपातकालीन इंतजामों पर विस्तार से चर्चा की है. एसपी शेखावत ने बताया की हालात अगले कुछ घंटे में अलार्मिंग सिचुएशन पैदा करने वाले हैं. जरूरत पड़ने पर कोटा में सेना की भी मदद ली जा सकती हैं. कोटा बैराज से फिलहाल छोड़े जा रहे 4.5 लाख क्यूसेक तक पानी को बढाकर 6 लाख क्यूसेक तक किया जा सकता है और इससे हालात और विकट हो सकते हैं. 


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प्रदेश के कोटा संभाग में भारी बारिश का दौर जारी है. कोटा बैराज, कालीसिंध, छापी, भीमसागर और रामगढ़ डैम से भारी निकासी के चलते चार दर्जन से ज्यादा मार्ग बाधित है. हाईवे, मेगा हाईवे बंद हैं. जयपुर-जबलपुर नेशनल हाईवे 52 भी सोमवार को कोटा और बूंदी में बाधित रहा. वहीं ढाई दर्जन गांव टापू बन गए हैं. ग्रामीणों को रेस्क्यू किया जा रहा है. कालीसिंध नदी के बहाव में बसे गांव मोहम्मदपुरा को खाली कराया. कोटा, बारां, बूंदी और झालावाड़ में कई जगह मकान गिरे हैं. बाढ़ से बचाव राहत के लिए करीब 25 से ज्यादा टीमें जुटी हैं. NDRF, SDRF, सिविल डिफेंस, नगर निगम कोटा रेस्क्यू टीमें शामिल हैं. 


कोटा के निचले इलाकों में पानी भरा
कोटा के निचले इलाकों में पानी भर गया. गहलोत सरकार को रिवरफ्रंट के काम में बड़ा नुकसान झेलना पडा है. रिवर फ्रंट में समानांतर ब्रिज के नीचे गार्डन बनाया जा रहा है. गार्डन की सेफ्टी वॉल बनाई गई थी, वॉल के नीचे से पानी रिस कर गार्डन में पहुंच गई. साढ़े 3 किलोमीटर लंबे रिवर फ्रंट के कई घाटों को भी नुकसान पहुंचा है. लगाए गए पत्थर,तेज बहाव में बह गए. रिवरफ्रंट चंबल की जद में हैं, यहां बड़ा नुकसान हुआ है.


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