कोटा और बारां के गांवों में बारिश से बाढ़ के हालात, चौमूं में मालेश्वर धाम पर झरना बहा
Rain and Flood : राजस्थान में मानसून के दूसरे दौर के साथ ही कई जगहों पर मूसलाधार बारिश से बाढ़ के हालात बन गये हैं और नदी नाले उफान पर हैं.
Rain and Flood : कोटा जिले के सुल्तानपुर क्षेत्र में बीती रात से तेज मूसलाधार बारिश लोगों के लिए परेशानी बनकर सामने आई. पूरी रात आई बारिश से क्षेत्र के नदी नालों में उफान आ गया. खेत के खेत तालाब बन गए है तो वहीं आम रास्तों पर 2-2 फिट तक पानी आ गया है.
सुल्तानपुर का जिला मुख्यालय से सम्पर्क कट गया. बारिश से कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात हो गए है. दीगोद उपखण्ड मुख्यालय पर 3-3 फिट पानी भर गया. मारवाड़ा चौकी का रेलवे नाला उफान पर आने से कोटा श्योपुर स्टेट हाइवे 70 अवरुद्ध हो गया.
वहीं दरबीजी,चावण्डहेड़ी में नाले में उफान से सुल्तानपुर से सिमलिया,देवपुरा रोड पर पानी आने से दिगोद से सिमलिया मार्ग भी अवरुद्ध हो गया है. जहां दोनो और वाहनों की लंबी कतारें लगी दिखी. जिला मुख्यालय से सुबह से ही सम्पर्क कटा हुआ है. रेलगांव और दीगोद में गली मोहल्लों में बाढ़ जैसे हालात हो गए है.
प्रधान कृष्णा शर्मा ने भी प्रसाशन से सीएडी विभाग की लापरवाही की शिकायतें की है क्योकि ड्रेनेज सिस्टम फेल होने से गांवो में बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है. सुल्तानपुर नगर में भी खाडीकी छोटी पुलिया पर उफान आने से 6 फिट पानी की चादर चलने लगी.
इधर जयपुर के चौमूं उपखंड इलाके में देर रात अचानक मौसम का मिजाज बदल गया. तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश हुई. ये सावन महीने की पहली तेज बारिश मानी जा रही है. जहां पर करीब एक घंटे तक झमाझम बारिश का दौर जारी रहा.
चौमूं,सामोद, जैतपुरा, रामपुरा-डाबड़ी, मोरीजा, कालाडेरा, चीथवाड़ी, फतेहपुरा समेत अन्य इलाकों में करीब एक घंटे तक झमाझम बारिश हुई है. वहीं दिनभर भीषण गर्मी और उमस के बाद देर रात अचानक हुए मौसम बदलाव से लोगों को इस भीषण गर्मी और उमस से राहत मिली. इधर बारिश के बाद मालेश्वर धाम के प्राक्रतिक झरने में भी पानी की आवक होने झरना चलने लगा है.
वहीं बारां जिले के अंता में हुई झमाझम बारिश से नदी नाले उफान पर आ गए. वही खेत पानी से लबालब भर गए. लोगों को भी गर्मी से राहत मिली. कस्बे के बीचो बीच स्थित रेल्वे स्टेशन खाड़ी में उफान आने से आस पास के मोहल्ले के लोगों को चिंता सताने लगी है. इसी खाड़ी के कारण कस्बे में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गये हैं.
(कंटेंट - हिमांशु मित्तल, राम मेहता, प्रदीप सोनी)
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